
इनकम टैक्स रिटर्न (आईटीआर) फाइल करने की आखिरी तारीख करीब आ रही है। आईटीआर फाइल करने के लिए अलग-अलग वर्गों के टैक्सपेयर के लिए मियाद भी अलग-अलग होती है।
बता दें की आयकर रिटर्न फाइल करने के लिए इंडिविजुअल्स, हिंदू अविभाजित परिवारों (HUF) और जिन लोगों के खातों की ऑडिटिंग की जरूरत नहीं है, इन तीनों ही वर्गों के लिए आखिरी तारीख 31 जुलाई 2019 है। लेकिन कंपनी और कंपनी के वर्किंग पार्टनर्स जैसे अन्य वर्गों के लिए 31 जुलाई आखिरी तारीख नहीं है।
जानिए जल्द बाज़ार में आने वाला हैं 5G का जमाना, मोदी सरकार ऐसे जुटाएगी 6 लाख करोड़ रूपये…
जहां ऐसी कंपनियां, फर्म का वर्किंग पार्टनर, इंडिविजुअल या अन्य एंटिटि जिनके अकाउंट्स की ऑडिटिंग जरूरी है, उनके लिए आईटीआर फाइल करने की अंतिन तिथि 30 सितंबर है।
लेकिन वहीं ऐसे असेसीज जिन्हें सेक्शन 92ई के तहत रिपोर्ट देनी होती है, उनके लिए अंतिम तिथि 30 नवंबर है। बता दें कि सेक्शन 92ई के तहत रिपोर्ट तब जमा कराना पड़ता है जब टैक्सपेयर ने संबंधित वित्त वर्ष में दूसरे देश से लेनदेन किया है।
आकलन वर्ष का मतलब उस वित्त वर्ष के अगले वर्ष से है जिस वित्त वर्ष की आमदनी का आकलन किया जा रहा हो। इसी वर्ष में आप पिछले वित्त वर्ष का आईटीआर फाइल करते हैं। जैसे वित्त वर्ष 2019-20 का आकलन वर्ष 2020-21 होगा।
दरअसल समय सीमा के बाद आईटीआर फाइल करने पर जुर्माना लगेगा। 31 जुलाई 2019 के बाद लेकिन 31 दिसंबर 2019 से पहले आईटीआर फाइल करने पर पांच हजार रुपये का जुर्माना लगेगा। वहीं एक जनवरी से 31 मार्च 2020 तक आईटीआर फाइल करने पर 10 हजार रुपये का जुर्माना लगेगा।