जहां चाह वहां राह ,इस सच को दिखाती यह कहानी…

मुम्बई। महाराष्ट्र एक ऐसा शहर जहां सभी के सपने जन्म लेते हैं। उनमें से सभी के सपने पूरे हो ऐसा मुश्किल ही होता है। पर जिनका पूरा होता है ,वे अधिक मेहनत और लगन के साथ कोशिश करते हैं। तो आज हम आपको  काजल प्रकाश राजवैद्य के बारे में बताने जा रहे हैं, जो मुश्किलों का सामना करते हुए अपने सपनों को पूरा कर पाई  है।काजल प्रकाश राजवैध

काजल वर्तमान समय में देश के नामी स्कूल-कॉलेजों व संस्थाओं को आधुनिक तकनीक में दक्ष कर रही हैं। छात्रों को खेल-खेल में रोबोटिक्स, ऑटोमेशन और टेक्नोलॉजी सिखा रही हैं। 21 साल की उम्र में साल 2015 में काजल ने इनोवेशन  एंड टेक्निकल सॉल्यूशन किट्स कंपनी स्थापित कर दी। जब उनके पास  बिजनेस का कोई अनुभव नहीं था। काजल के पिता एक पान का ठेला लगाते हैं। आमदनी ज्यादा नहीं होने के बाद भी  उन्होनें एक निजी बैंक के रैकरिंग एजेंट की नौकरी कर ली। काजल को चौथी क्लास तक जिला परिषद के स्कूल में पढ़ाया मगर घर की माली हालत ठीक न होने के कारण चार किलो मीटर दूर स्थित मनुताई कन्या शाला में दाखिल कराया था।. यहां लड़कियों से फीस नहीं ली जाती है। काजल रोज पैदल जाती थी।काजल प्रकाश राजवैध

रोबोट शो का क्रेज –काजल की जिंदगी का टर्निंग पॉइंट उस समय आया ,जब उन्होंने दूरदर्शन पर एक रोबोट से जुड़ा शो देखा। तब उन्होंने निश्चय लिया कि अब वह भी एक दिन रोबोट बनाएंगी।

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कॉलेज की पढ़ाई कर ही रही थी कि पिता जी की नौकरी छूट गई।  जिसके कारण घर-गृहस्थी की स्थिति  खराब हो गई । लोन लेकर जैसे-तैसे इंजीनियरिंग कॉलेज में एडमिशन ले लिया। काजल  नई टेक्नोलॉजी के लिए एक सिलेबस तैयार कर पुणे के कॉलेज छात्रों के साथ शेयर किया। इतनी मेहनत करने के बाद भी सफलता हाथ नही मिली।अकोला लौटकर छोटे मोटे काम करने लगी। इसके साथ ही कोचिंग से बचें समय में इंटरनेट से रोबोटिक्स सीखती।

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देश के हर टेक्नो-कमर्शियल कंपनी ने ट्रेनिंग दी है। कुछ समय बाद प्राइमरी स्कूलों में जाकर पांचवी कक्षा के बच्चों को रोबोटिक्स वर्कशाप की ट्रेनिंग देने लगी। यही से  काजल ने कंपनी की शुरुआत की। अब कंपनी महाराष्ट्रा के सबसे बड़े तकनीकी-व्यावसायिक स्किल डेवलपमेंट सेंटर में से एक माना जाता है।देश के हर बीस में से एक टेक्नो-कमर्शियल पेशेवर को उनकी कंपनी ने ट्रेनिंग दी है।

रोबोटिक्स व इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों की सर्विस देती हैं
काजल की कंपनी बच्चों को रोबोटिक्स, ऑटोमेशन, बॉयोमेडिकल इंस्ट्रुमेंट समेत विभिन्न सॉफ्टवेयर आधारित सर्विसेज की ट्रेनिंग देती है। इसके साथ ही इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों की सर्विस भी मुहैया कराती है। इस समय यमन, सिंगापुर, अमेरिका तक कंपनी के क्लाइंट्स हैं। मुंबई में राष्ट्रीय रोबोटिक्स प्रतियोगिता में छात्रों को मात देकर संस्थान की छात्राएं जीत गईं। अब लड़कियां काजल के साथ, अमेरिका में भारत के प्रतिनिधित्व की तैयारी में जुटी हैं। काजल को बेस्ट आंत्रप्रेन्योर अवॉर्ड, यूएसए के टाइम्स रिसर्च अवार्ड और स्टार्टअप इंडिया के एग्रीकल्चर इनोवेशन अवार्ड मिल चुके हैं।

 

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