घोषणा के 20 साल बाद भी नहीं पहुंची कारगिल शहीद के गांव सड़क

रिपोर्ट- बलवंत रावत।

टिहरी। शहीदों के सम्मान के नाम पर सरकारें बड़ी-बड़ी बातें करती है, लेकिन शहीदों के नाम पर होने वाली घोषणाएं केवल कागजों में सिमट जाती है। कारगिल शहीद दिनेश दत्त बहुगुणा के गांव खेमड़ा को सड़क से जोड़ने की घोषणा के 20 साल बाद भी पूरी नहीं हो पाई है।

कारगिल शहीद

ग्रामीण वर्षों से कई किमी पैदल चल रहे हैं। दो साल बाद भी सड़क की डीपीआर को शासन से स्वीकृति नही मिल पाई है।

जिला मुख्यालय के समीप खेमड़ा निवासी 17 वीं गढ़वाल रायफल में तैनात दिनेश दत्त बहुगुणा दुश्मनों से लोहा लेते हुए 30 जून 1999 को कारगिल के बारामुला में शहीद हो गए थे। सरकार ने शहीद होने के बाद गांव को जोड़ने के लिए सड़क की घोषणा की थी।

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2004 में भागीरथीपुरम -खेमड़ा-कुंडाली पांच किमी मोटर मार्ग 69 लाख से स्वीकृत हुआ। बावजूद सड़क निर्माण में आ रही वनभूमि समेत अन्य दिक्कतों को दूर न किए जाने के कारण सड़क का निर्माण शुरू नहीं हो पाया है। तल्ली बागी, जुड़, बड़कोट, चवादंत, खेमड़ा, चोपड़ा और कुंडाली के करीब पांच सौ की आबादी वर्षों से कई किमी पैदल चलने को मजबूर है।

तेजपुर केंद्रीय जेल के हिरासत शिविर में रखे गये नौ बांग्लादेशियों को उनके देश वापस भेजने के लिये मंगलवार को उन्हें रिहा कर दिया गया। पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने यह जानकारी दी।

 

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