गोरापड़ाव हत्याकांड मामले में पुलिस के हाथ अब तक खाली, फिर से होगी सभी जांच

हल्द्वानी के गोरापड़ाव हत्याकांड में पॉलीग्राफ टेस्ट से पुलिस को खास सफलता हाथ नहीं लगी है। कातिलों का नाम स्पष्ट नहीं होने के कारण पुलिस ने किसी को गिरफ्तार नहीं किया है। पुलिस पॉलीग्राफ टेस्ट के बयानों के आधार पर कुछ और संदिग्ध लोगों को चिन्हित करने का प्रयास कर रही है।

पुलिस

पुलिस अधिकारियों ने संकेत दिया है कि इस मामले में फिर पॉलीग्राफ टेस्ट कराया जाएगा। गोरापड़ाव क्षेत्र में 26 अगस्त 2018 की रात महिला के घर में घुसकर डकैतों ने हमला बोल दिया था। महिला का कत्ल करने के साथ डकैतों ने बेटी को अधमरा कर दिया था।

घर में बंधे कुत्ते को भी मार डाला। घर से लाइसेंसी बंदूक और स्कूटी लेकर बदमाश चले गए। बेटी को अस्पताल में भर्ती कराया गया। पुलिस ने 30 अगस्त को महिला के घर लूटी गई स्कूटी रामपुर रोड से बरामद किया, लेकिन कोई गिरफ्तारी नहीं हुई।

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हाईकोर्ट के निर्देश पर इस मामले में डीआईजी के नेतृत्व में एसआईटी गठित की गई। मुकदमे के विवेचक एसपी सिटी अमित श्रीवास्तव ने इस मामले में चार संदिग्ध लोगों का रुद्रपुर में सीबीआई की टीम से पॉलीग्राफ टेस्ट कराया। सीबीआई ने टेस्ट की रिपोर्ट जिला पुलिस को भेज दी है।

रिपोर्ट में संदिग्धों के बयान के साथ विश्लेषण भी दर्ज है। रिपोर्ट में कुछ संदिग्धों के बारे में पुलिस को जानकारी मिली है। इसी आधार पर पुलिस ने बरेली और ऊधमसिंह नगर जिले के कुछ लोगों से पूछताछ की है। पुलिस फिर कुछ लोगों का पॉलीग्राफ टेस्ट कराने की तैयारी में है। हालांकि पुलिस अधिकारी इस मामले में कुछ बोलने से बच रहे हैं।

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