गुजरात में “दलितों” के लिए इतनी हीन भावना,क्या यही है विकास मोदी जी ?…

आज कल खबरों में गुजरात छाया हुआ है. अच्छी नहीं, बल्की बुरी खबरों की वजह से. गुजरात के अलग-अलग जगहों से बीते एक सप्ताह में कई खबरें आईं, जिनमें से कुछ खबरें एक दूसरे से बिल्कुल मेल खाती हैं.

यहां पिछले एक सप्ताह के भीतर दलित दूल्हे की बारात को रोकने की 4 घटनाएं सामने आई हैं. आपको बारी-बारी से सभी घटना के बारे में बताएंगे. तब आपको समझ में आएगा कि देश के कुछ जगहों पर लोग, अब भी कैसी मानसिकता से घिरे हुए हैं.

पहली घटना

गुजरात के उप-मुख्यमंत्री नितिन पटेल का गृह ज़िला है मेहसाणा. यहां एक दलित दूल्हे की बारात घोड़ी पर निकाली गई, तो ऊंची जाति के लोग नाराज हो गए. उन्होंने दलित समुदाय का बहिष्कार कर दिया. मामले की शिकायत की गई तो पुलिस ने गांव के सरपंच विणुजी ठाकोर को गिरफ्तार कर लिया.

दलितों की शिकायत पर कार्रवाई हुई तो गांव के दूसरे सवर्ण नाराज़ हो गए. उन्होंने दलितों के लिए एक फरमान जारी कर दिया. फरमान ऐसा कि कोई भी अनुसूचित जाति के दूल्हे से बात करेगा तो उसे जुर्माना भरना पड़ेगा.

परिवार का हुक्का-पानी बंद कर दिया गया. कहा गया कि गांव का कोई भी व्यक्ति दलितों को सामान बेचेगा तो उसे 5 हजार का जुर्माना देना पड़ेगा. यहां तक कि ऑटो रिक्शा वालों को भी कहा गया कि वो दलितों को अपने ऑटो में नहीं बिठाएं.

इस घटना के बाद राज्य के डिप्टी सीएम नितिन पटेल मौके पर पहुंचे. उन्होंने दोनों समुदाय के लोगों से बातचीत की और मामला शांत करवाया. नितिन पटेल ने दलित परिवारों को सुरक्षा का भरोसा भी दिया.

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दूसरी घटना

दूसरी घटना अरवल्ली ज़िले के खामबिसार गांव की है. यहां पाटिदार समुदाय के लोगों ने दलित समुदाय के लोगों की बारात का बहिष्कार किया. दूल्हे के परिवार के मुताबिक बारात को रोकने के लिए पाटिदार समुदाय की महिलाएं सड़क पर ही बैठ कर भजन कीर्तन क रने लगीं.

दलित दूल्हे के पिता के मुताबिक अरवल्ली में पाटिदार समुदाय की महिलाएं सड़क पर ही बैठ कर भजन करने लगीं, ताकि बारात न जा सकें.
दलित दूल्हे के पिता के मुताबिक पाटिदार समुदाय की महिलाएं सड़क पर ही बैठ कर भजन करने लगीं, ताकि बारात न जा सकें.

मामले की खबर पुलिस को मिली जिसके बाद भारी पुलिसबल मौके पर पहुंच गई. पुलिस के पहुंचने के बाद भी दोनों पक्ष हटने को तैयार नहीं हुए. जिसके बाद दोनों पक्षों के बीच पत्थरबाजी हो गई. घोड़ी वाला घोड़ी छोड़ कर चला गया. गाड़ियों के साथ बैंड-बाजा तोड़ दिया गया. दूल्हे की पगड़ी उतरवा ली गई. तनाव इतना बढ़ गया कि शादी नहीं हो पाई. दूल्हे के परिवार का कहना है कि वो फिर से नई तारीख में शादी करेंगे.

 

तीसरी घटना

गुजरात के सांबरकाठा में दलित दूल्हे की बारात को रोकने की कोशिश हुई. यहां ठाकोर समाज के लोगों ने मंदिर में पूजा करने से भी रोकने की कोशिश की. पुलिस अधिकारी के मुताबिक पुलिस में एक अर्ज़ी देकर बारात के लिए पहले ही पुलिस सुरक्षा मांगी गई थी. जिसके बाद पुलिस की सुरक्षा में बारात शांतिपूर्ण ढंग से निकली.

चौथी घटना

चौथी घटना भी सांबरकाठा के प्रांतिज सीतवीडा गांव की है. आरोप है कि यहां दलितों की बारात को मंदिर में ठीक से पूजा नहीं करने दिया गया. मंदिर में पूजा करने के दौरान बारातियों को कहा गया कि जल्दी से वे चुपचाप पूजा करके निकल जाएं.

मंदिर में रिवाज़ के तहत वे गरबा खेलना चाहते थे. जिसके लिए भी उन्हें मना कर दिया दया. साथ इससे पहले बाराती मंदिर ना पहुंच पाए इसके लिए सवर्ण समुदाय ने रास्ते में टैंकर से पानी डाल दिया था, ताकि कीचड़ की वजह से लोग मंदिर ना पहुंच सके.

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