गाजियाबाद में महिलाओं को नहीं मिल रहा रानी बाई सम्मान कोष का लाभ, महिला आयोग ने बुलाई बैठक

रिपोर्ट:- जावेद चौधरी/गाजियाबाद

हैदराबाद क्रूर हत्याकांड और बलात्कार के बाद जहां पूरे देश गुस्से की आग में उबल रहा है। वहीं दूसरी ओर गाजियाबाद में भी इसका असर देखने को जगह-जगह पर मिल रहा है। ऐसे में उत्तर प्रदेश महिला आयोग की उपाध्यक्ष सुषमा सिंह ने विभागीय स्तर से सभी अधिकारों की मीटिंग ली है।

सुषमा सिंह का कहना है कि जिस तरह से दिन-प्रतिदिन रेप की घटनाएं हमारे सामने आ रही हैं। देश को कलंकित और प्रदूषित करती जा रही है। उन्होंने बताया कि रानी बाई सम्मान कोष पीड़ित महिलाओं के सम्मान के लिए दिया जाता है।

सुषमा सिंह महिला आयोग उत्तर प्रदेश उपाध्यक्ष

लेकिन पोर्टल साइट पर अधिकृत कमिया होने के कारण वह कोष वापस आ रहा है।  12-13 महिलाओं में से सिर्फ 3 महिलाओं को ही अभी तक मिल पाया है। जो कि यह रिकॉर्ड काफी निराशाजनक है।

वहीं दूसरी ओर सुषमा सिंह ने अपने विभागीय अधिकारियों की लापरवाही बताते हुए बताया कि उन्हें अभी तक इस संबंध में व्हाट्सएप नंबर 6306511708 जारी किया है और इस नंबर को पहले भी गाजियाबाद में चार बार आकर सभी अधिकारियों को बताया है। लेकिन अधिकारियों की लापरवाही और उदासीनता के चलते अभी तक अधिकारियों को नंबर तक याद नहीं है।

सुषमा सिंह ने बताया कि जब भी जब भी पीड़ित महिलाओं को कोई भी सिपाही सरवाइव के लिए लेकर जाते हैं और उनकी अधूरी जानकारी होने के कारण वह हॉस्पिटल से सिर्फ मेडिकल रिपोर्ट लेकर आते हैं।

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जबकि प्रावधान के अनुसार मेडिकल रिपोर्ट के साथ-साथ एक्स-रे रिपोर्ट और पैथोलॉजी रिपोर्ट भी कैरी करनी होती है। जिसके बाद वह सब जानकारी एक पोर्टल पर अपलोड की जाती है।

लेकिन पोर्टल पर पैथोलॉजी और एक्स-रे रिपोर्ट नहीं अपलोड होने के कारण पीड़ित महिलाओं के आवेदन रिजेक्ट हो जाते हैं। जिसके बाद रानी लक्ष्मीबाई कोष की राशि वापस चली जाती है।

बहरहाल जहां एक तरफ महिला आयोग उपाध्यक्ष महिलाओं के सम्मान के लिए उनके साथ खड़ी नजर आ रही हैं वहीं दूसरी ओर विभागीय स्तर अधिकारियों की लापरवाही के चलते बहुत सी पीड़ित महिलाओं को रानी लक्ष्मीबाई सम्मान को नहीं मिल पा रहा है।

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