खूबसूरत महलों के साथ शानदार बावड़ियों का भी जयपुर में करें दीदार

राजस्थान का जयपुर अपने खूबसूरत महलों के साथ प्राचीन बावड़ियों के लिए भी जाना जाता है, जिन्हें देखने के लिए देश-दुनिया से पर्यटक आते हैं. जयपुर में आज भी कई छोटी-बड़ी बावड़ियों हैं.

 

 जयपुर

नीमराना की बावड़ी

नीमराना राजस्थान के अलवर जिले का एक प्राचीन शहर हैं, जो अपने ऐतिहासिक किले के लिए जाना जाता है. नीमराना, अपनी प्राचीन बावड़ियों के लिए भी प्रसिद्ध है. यह एक नौ मंजिला बावड़ी है, जिसकी लंबाई लगभग 250 फुट व चौड़ा 80 फुट होगी. इस बावड़ी का आकार इतना बड़ा था कि समय आने पर सैना की एक छोटी टुकड़ी को इसमें आसानी से छुपाया जा सकता था. नीचे की तरफ आते-आते इस बावड़ी में तापमान में गिरावट शुरू हो जाती है

पन्ना मीना की बावड़ी

जयपुर के आमेर स्थित पन्ना मीना बावड़ी एक प्राचीन संरचना है, जो अपनी खूबसूरत कलाकृतियों के लिए जानी जाती है. इस खूबसूरत बावड़ी के एक ओर जयगढ़ दुर्ग है, जिसे सैनिक इमारतों में से एक माना जाता है और दूसरी ओर खूबसूरत पहाड़ी. यह बावड़ी अपनी अद्भुत सीढ़ियों, व अष्टभुज किनारों व बरामदों के लिए प्रसिद्ध है.

भीकाजी की बावड़ी

राजस्थान के अजमेर से लगभग 13 किमी की दूरी पर स्थित गगवाना में एक 400 वर्ष पुरानी बावड़ी मौजूद है, जिसे ‘भिकाजी की बावड़ी’ के नाम से जाना जाता है. बावड़ी में नीचे उतरने के लिए कई सीढ़ियां भी बनी हुई हैं. इस बावड़ी में कई प्राचीन शिलालेख मौजूद हैं, जिन पर उस समय की महत्वपूर्ण घटनाओं का वर्णन किया हुआ है. यहां मौजूद शिलालेखों में फारसी भाषा का इस्तेमाल किया गया है.

हाड़ी रानी की बावड़ी

टोंक जिले के टोडरसिंह शहर में स्थित एक प्राचीन बावड़ी है, जिसका निर्माण बूंदी की राजकुमारी हाड़ी ने करवाया था. इसका निर्माण 16 शताब्दी के आसपास हुआ होगा. बावड़ी में दो मंजिला गलियारें भी हैं, जिनके एक-एक ओर खूबसूरत मेहराव बने हुए हैं. बावड़ी की निचली मंजिल पर ब्रह्मा, गणेश और देवी महिषासुर दामिनी की मूर्तियां स्थापित की गई हैं.

रंगमहल, सूरतगढ़ की बावड़ी

रंगमहल किसी जमाने में यौधेय गणराज्य की राजधानी हुआ करता था. रंगमहल पर कब्जा करने के लिए सिकंदर ने भी आक्रमण किया था. लेकिन हूणों की चढ़ाई के बाद रंगमहल पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया. पुरातत्व खुदाई के दौरान यहां से एक प्राचीन बावड़ी प्राप्त हुई है, जिसकी में 2 फुट लंबी और 2 फुट चौड़ी ईंटों का इस्तेमाल किया गया है.

चांद बावड़ी

राजस्थान के दौसा जिले के आभानेरी गांव स्थित ‘चांद बावड़ी’, को दुनिया की सबसे गहरी बावड़ी का दर्जा प्राप्त है, जिसका निर्माण राजा मिहिर भोज ने करवाया था. राजा मिहिर को चांद नाम से भी जाना जाता था, इसलिए इस बावड़ी का नाम ‘चांद’ पड़ा. 13 मंजिल वाली इस बावड़ी की गहराई 100 फीट से भी ज्यादा है, जिसमें 3500 सीढ़ियां बनी हुई हैं. इन सीढ़ियों को भूलभुलैया भी कहा जाता है.

रानी जी बावड़ी

राजस्थान के बूंदी स्थित ‘रानी जी बावड़ी’ की खूबसूरत बावड़ियों में की जाती है. इस बावड़ी का निर्माण, राजा अनिरुद्ध सिंह की रानी ‘नाथावती जी’ के कहने पर करवाया गया था. लगभग 46 मीटर गहरी है. बावड़ी तक पहुंचने के लिए एक भव्य प्रवेश द्वार को पार करना होता है, जहां से घुमावदार खंभे और चौड़ी सीढ़ियां शुरु होती हैं. यहां लगभग 100 सीढ़ियां बनी हुई हैं.

 

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