बड़ा खुलासा : समय पर नहीं फटा बम, नहीं तो मोदी की ये यात्रा होती अंतिम यात्रा, देश मनाता शोक

मोदी के दहन की साजिशभोपाल। भोपाल-उज्जैन ट्रेन में ब्लास्ट करने वाले आतंकियों के निशाने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी थे। इसके लिए उन्होंने अक्टूबर 2016 में लखनऊ में रामलीला के दौरान प्रधानमंत्री की दशहरा रैली में धमाके की साजिश रची थी। यह खुलासा एनआईए की पूछताछ में हुआ है।

एनआईए की टीम तीनों आतंकियों को अपने साथ लखनऊ लेकर गई थी। यहां ऐशबाग मैदान सहित अन्य सभी जगहों पर उन्हें ले जाया गया,  जहां उन्होंने धमाके किए या धमाकों की साजिश को अंजाम देने की फिराक में थे। अब एनआईए उनके प्लान और रेकी के दौरान उन जगहों पर आतंकियों द्वारा जुटाई गई सुरक्षा में खामियों को भी जानेगी।

10 अक्टूबर को आतंकी पहुंचे थे ऐशबाग मैदान

जानकारी के अनुसार आईएसआईएस मॉड्यूल से जुड़े आतंकी मोहम्मद सैफुल्ला (यूपी एटीएस द्वारा एनकाउंटर में मारा गया),  दानिश अख्तर,  सैयद मीर हुसैन और आतिफ प्रधानमंत्री की रैली वाले दिन यानी 11 अक्टूबर से एक दिन पहले 10 अक्टूबर को बम लगाने के लिए ऐशबाग मैदान पहुंचे थे।

हालांकि वहां सुरक्षा के कड़े इंतजाम चलते  वे मैदान स्थल तक नहीं पहुंच पाए। फिर उन्होंने पास ही स्थित दूसरे मैदान में आईडी ट्रिगर बम लगाया था। मोदी के कार्यक्रम के अगले दिन जब मीडिया में किसी भी तरह के धमाके होने की कोई खबर नहीं आई तो तीन दिन बाद वो उसी मैदान में बम देखने गए।

बम फटा तो था पर तीव्रता उतनी नहीं थी और दशहरे की आतिशबाजी के दौरान लोगों ने भी धमाके की आवाज पर उतना ध्यान नहीं दिया। आतंकियों को बम फटने के निशान के तौर पर बस कुछ जगह घास के जलने के निशान ही मिले थे।

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