खतरनाक श्रेणी का लघुग्रह फ्लोरेंस तेजी से आ रहा पृथ्वी के करीब
नैनीताल। खतरनाक श्रेणी में शामिल लघुग्रह फ्लोरेंस 40,508 किमी प्रतिघंटा की रफ्तार से एक सितंबर को धरती के करीब आ रहा है। इस लघु ग्रह का आकार साढ़े चार किमी है। इसके पृथ्वी से टकराने की कोई आशंका नहीं है। धरती के नजदीक आने पर इसे छोटी दूरबीन से देखा जा सकेगा।
भारतीय तारा भौतिक संस्थान बंगलुरु के वरिष्ठ खगोल वैज्ञानिक प्रो. आरसी कपूर ने बताया कि फ्लोरेंस को वर्ष 1981 में आस्ट्रेलिया के वैज्ञानिकों ने खोजा था। इसके विशाल आकार व सौरमंडल में घुस आने के कारण वैज्ञानिकों की नजर इस पर बनी हुई हैं। 1890 के बाद पहली बार यह धरती के इतने करीब आ रहा है। कई वेदशालाएं इस लघु ग्रह के अध्ययन में जुटी हुई हैं। विशाल आकार का होने के कारण इसका अपना भी कोई लघुग्रह होने के संभावना से इन्कार नहीं किया जा सकता।
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वैज्ञानिक प्रो. कपूर ने बताया कि वैज्ञानिकों के अध्ययन के लिहाज से यह विशाल पिंड बेहद महत्वपूर्ण है। धरती के नजदीक आने पर इसके वास्तविक स्वरूप का पता चल पाएगा। इसके बाद यह वर्ष 2500 में पुन: पृथ्वी के नजदीक आएगा। वैज्ञानिकों ने इसे बेहद खतरनाक लघु ग्रह की श्रेणी में रखा है। पांच सितंबर तक इसका आबजर्वेसन जारी रहेगा। हमारे सौर परिवार में स्थित लघु ग्रह सूर्य से 2.5 से लेकर 4 एयू की दूरी पर चक्कर लगाते हैं। परंतु कभी कभार छिटक कर सौरमंडल की कक्षा में भीतर की ओर आ जाते हैं। फ्लोरेंस भी लाखों करोड़ों साल पहले छिटका हुआ लघु ग्रह है। यह लघु ग्रह ढाई घंटे में अपनी अक्ष में घूम जाता है। सूर्य की एक परिक्रमा पूरी करने में 2.35 साल का समय लग जाता है। इसकी गति 40,708 किमी प्रति घंटा है। धरती के नजदीक से जाते वक्त इसकी चमक लगभग नौ मैग्नीट्यूट होगी। पृथ्वी के पास से गुजरते समय धरती व इसके बीच की दूरी लगभग 70.67 लाख किमी होगी। इसके नजदीक आने पर इसके गड्डे अथवा पर्वत आदि का पता चल पाएगा।
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धरती के सबसे बड़े दुश्मन हैं ये पिंड
वैज्ञानिकों का मानना है कि करीब साढ़े छह करोड़ साल पहले धरती से विशालकाय डायनासोरों का खात्मा करने वाले लघुग्रह का आकार फ्लोरेंस से लगभग दोगुना रहा होगा। सौर मंडल में बेखौफ घूमते लघु ग्रह धरती समेत अन्य ग्रहों के सबसे बढ़े दुश्मन हैं। इनके द्वारा धरती को क्षतिग्रस्त करने के कई निशान कई स्थानों पर मिलते हैं। पृथ्वी को लेकर वैज्ञानिकों की नजर इन पर बनी रहती है।