आखिर ‘एप्पल’ ही क्यों पड़ा ‘एप्पल कंपनी’ का नाम, इसके पीछे है ये रहस्य…

एप्पल भारत में पहली बार कैंपस प्लेसमेंट करने जा रही है। एप्पल भारत में कैंपस प्लेसमेंट के जरिए  होनहार इंजीनियर्स को भर्ती करने जा रहा है। आईआईटी हैदराबाद में एप्पल आने वाला है।

'एप्पल कंपनी

जहां वो इंजीनियर्स का चयन करेगा।आईआईटी हैदराबाद के करीब 300 स्टूडेंट्स का इंटरव्यू के लिए रजिस्ट्रेशन हो चूका हैं।

चयनित  छात्र बीटेक, एमटेक, इंजीनियरिंग के स्टूडेंट्स हैं। इसी तरह इसके पहले गूगल, फेसबुक, माइक्रोसॉफ्ट जैसी कंपनियां भी भारत में कैंपस कर चुकी हैं।

भारत में एप्पल काफी लोकप्रिय है और कंपनी का भारत में मैन्युफैक्चरिंग प्लांट बनाने का भी प्लान है। एप्पल अपने कर्मचारियों को बेहतरीन सैलरी पैकेज देता है। कंपनी में जॉब करने की क्वालिफिकेशन डिग्री की जरूरत तो होती है।

लेकिन, डिग्री के साथ साथ कंपनी को ऐसे इम्पोइज की जरूरत होती है जो किताबी ज्ञान के अलावा चीजों को आसानी से सुलझाने की भी काबिलियत हो। कंपनी सिर्फ डिग्री से इम्प्रेस नहीं होती।

कंपनी के नाम की दिलचस्प कहानी भी हैं क्यों पड़ा  कंपनी का नाम एप्पल।एप्पल कंपनी की स्थापना अप्रैल फूल के दिन 1976 में हुई थी।

एप्पल का नाम कंपनी का नाम एप्पल इसलिए पड़ा, क्योंकि संस्थापक स्टीव जॉब्स को फल बहुत पसंद थे और वो एप्पल खाकर ही काम करते थे।

अगर फोर्ब्स और बिजनेस इनसाइडर की रिपोर्ट की माने तोकर्मचारियों की सालाना कमाई भी 76 लाख से लेकर 83 लाख होती है।

अतृप्त आत्माओं को होता है इन लोगों से ज्यादा प्यार, कहीं आप भी तो नहीं है शामिल…

सभी की सैलरी पोजीशन के हिसाब से होती हैं। जैसे की सॉफ्टवेयर इंजीनियर, इन लोगों की सालाना सैलरी 66 लाख से लकर 76 लाख तक होती है।

ग्लोबल सप्लाई मैनेजर, इन लोगों की सालाना सैलरी 83 लाख से ज्यादा होती है।एट होम एडवाइजर की सालाना सैलरी 23 लाख होती है।इजीनियरिंग प्रोजेक्ट मैनेजर की सालाना सैलरी 91 लाख तक होती है।

पूरी दुनिया में एप्पल के 1 लाख 23 हजार कर्मचारी हैं। 2016 में एप्पल ने 211 मिलियन आईफोन बेचने का रिकॉर्ड है। 2016 की रिपोर्ट के अनुसार एप्पल के 17 देशों में 475 स्टोर्स हैं।

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