क्या सच में भूतीया है बीरबल का छत्ता ? जानें पूरा राज

अकबर और बीरबल की कहानियां आप सभी ने ही अपने बचपन में खूब सुनी होंगी। बीरबल किस तरह से आपनी समझ से हर समस्या का समाधान कर दिया करता था। उसके किस्से बच्चों को काफी सुनाए जाते हैं साथ में बच्चों को काफी पसंद भी आते हैं। लेकिन क्या आपने कभी भी बीरबल के छते की कहानी के बारे में कभी भी कुछ भी सुना और देखा है। आज हम आपको इसी छते के बारे में बताने वाले हैं।

बीरबल का यह छत्ता हरियाणा और राजस्थान के बीच में नारनौर नामक एक स्थान है वहां पर स्थित है। यह किला महेंद्रगढ़ के अंदर आता है। बीरबल का छत्ता राय बालमुकुंद ने बनवाया था इसलिए इसका नाम पहले बालमुकुन्द था लेकिन बाद में इसका नाम बदल कर बीरबल का छत्ता रख दिया गया। छत्ते का मतलब होता है घर मतलब कि बीरबल का घर।

बीरबल के छत्ते का रहस्य

कुछ बच्चों का मानना है कि बीरबल का यह छत्ता काफी भूतीया है वहीं बच्चों का मानना है कि यह एक रहस्यमयी स्थान है जिसके बारे में जानना काफी जरूरी है। मानना है कि इस घर में एक सुंरंग है जिसका रास्ता एक दिल्ली में होकर गुजरता है तो दूसरा जयपुर। यहां पर अभी किसी को जाने की अनुमति नहीं है। यहां पर कई घटनाओं के होने से सुबूत मिले हैं जिस कारण यहां की सरकार ने यहां पर जाने की अनुमति पर रोक लगा दी।

बीरबल के छत्ते का इतिहास

पानीपत कि दूसरी लड़ाई के बाद नारनौल की बागडोर अकबर के हाथों में आ गई और अकबर ने सम्राट हेमू को पकड़ने के लिए बतौर ईनाम नारनौल को शाह कुली खान को सौंप दिया। इस तरह शाह कुली खान यहाँ की जागीर का मालिक बन गया। अकबर के शासनकाल में यहाँ राय बालमुकुन्द के छत्ते का निर्माण हुआ जिसे बीरबल का छत्ता के नाम से जाना जाता है।

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