कोविड-19 से लड़ने में अमेरिकी सरकार पर ओबामा का बयान, कहा- प्रभारी होने का नाटक तक नहीं कर पा रहे..

कोविड-19 से इस वक्त पूरा विश्व लड़ रहा है. ऐसी स्थिति में शुरुआत में देखा गया था इस महामारी से इटली और स्पेन के हालात बद से बदतर हो गए थे. महामारी से मरने वालों की संख्या इतनी हो गई थी कि लाशों को उठाने के लिए आर्मी का सहारा लेना पड़ा था. लेकिन इस वायरस ने जैसे ही अपने पैर अमेरिका पर पसारे तो हालातों को काबू कर पाना मुश्किल हो गया. इसके लिए सभी ने अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के ढीले और लापरवाह नेतृत्व को दोषी ठहराया. आज इस वक्त अमेरिका  की दुनिया के सभी देशों में सबसे ज्यादा खराब हालात हैं. इसपर अब अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा ने टिप्पणी की है.

अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा ने शनिवार को कुछ अधिकारियों की आलोचना की। उन्होंने कॉलेज ग्रेजुएट्स (स्नातक) छात्रों को ऑनलाइन संबोधित करते हुए कहा कि इस महामारी ने दिखा दिया है कि बहुत सारे अधिकारी प्रभारी होने का नाटक तक नहीं कर रहे हैं।

 

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ओबामा ने यूट्यूब, फेसबुक और ट्विटर पर प्रसारित ऐतिहासिक ब्लैक कॉलेजों और विश्वविद्यालयों के लिए दो घंटे के लाइव स्ट्रीमिंग कार्यक्रम ‘शो मी योर वॉक, एचबीसीयू एडिशन’ पर बात की। उनकी टिप्पणी राजनीतिक थी और वायरस और उसके सामाजिक और आर्थिक प्रभावों से परे वर्तमान की घटनाओं पर आधारित थी।

 

ओबामा ने कहा, ‘किसी भी चीज से अधिक, इस महामारी से पूरी तरह और अंत में इस बात से पर्दा हट गया है कि इतने सारे लोगों को पता है कि वे क्या कर रहे हैं। बहुत सारे प्रभारी होने का नाटक तक नहीं कर पा रहे हैं।’ हालांकि अपने संबोधन में ओबामा ने राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप या फिर किसी अन्य फेडरल या अधिकारी का नाम नहीं लिया।

 

पूर्व राष्ट्रपति ने दुनिया के इन मुश्किल हालातों का सामना करने वाले स्नातक छात्रों को बधाई दी और उनकी सराहना की। उन्होंने फरवरी में हुई गोलीबारी की घटना का जिक्र किया। जिसमें 25 साल के अहमद अरबेरी की उस समय हत्या कर दी गई थी जब वह जॉर्जिया में एक आवासीय सड़क पर जॉगिंग कर रहा था।

 

ओबामा ने कहा, ‘ईमानदारी से कहूं तो इस तरह की बीमारी केवल अंतर्निहित असमानताओं और अतिरिक्त बोझों को उजागर करती है जिससे ऐतिहासिक तौर पर ब्लैक समुदायों को निपटना है। हम इसे अपने समुदाय पर कोविड-19 के प्रतिकूल प्रभाव की तरह देखते हैं। जैसे कि हम देखते हैं कि यदि एक ब्लैक पुरुष जॉगिंग के लिए जाता है तो कुछ लोगों को लगता है कि उन्हें उसे रोककर सवाल पूछने चाहिए और यदि वह जवाब नहीं देता है तो उसे गोली मार देनी चाहिए।’

 

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