कोयला ब्लॉक आवंटन मामले में सजा पर अदालत ने सुरक्षित रखा फैसला

नई दिल्ली| दिल्ली की एक अदालत ने कोयला ब्लॉक आवंटन मामले में पूर्व कोयला सचिव एच.सी. गुप्ता और पांच अन्य दोषियों को सजा सुनाने पर अपना आदेश सोमवार को सुरक्षित कर लिया। केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) के विशेष न्यायाधीश भरत पाराशर ने कहा कि सजा की मात्रा पर फैसला पांच दिसंबर को सुनाया जाएगा।
कोयला ब्लॉक आवंटन
कोयला मंत्रालय के पूर्व संयुक्त सचिव गुप्ता समेत, के. एस. क्रोफा और मंत्रालय के तत्कालीन निदेशक (सीए-1) के. सी. समरिया को अदालत ने दोषी ठहराया है।

अदालत ने इसके अलावा विकास मेटल्स एंड पॉवर लिमिटेड (वीएमपीएल), इसके प्रबंध निदेशक विकास पटनी और इसके अधिकृत हस्ताक्षरकर्ता आनंद मलिक को भी दोषी करार दिया है।

अदालत ने कहा है कि वीएमपीएल के पक्ष में पश्चिम बंगाल में कैप्टिव कोयला ब्लॉक मोइरा-मधुजोर को आवंटित करने के लिए सभी छह अभियुक्तों ने एक साथ आपराधिक साजिश रची थी।
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सीबीआई ने दोषियों को सात साल कारावास के लिए अनुरोध किया, जबकि दोषियों के वकील ने एक उदार सजा देने की मांग की।

विशेष सीबीआई न्यायालय द्वारा कोयला ब्लॉक आवंटन घोटाले में यह छठा फैसला सुनाया गया है। सीबीआई और प्रवर्तन निदेशालय द्वारा जांच किए गए 20 से अधिक मामले अभी भी लंबित हैं।

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