अमेरिका के बाद अब कम्पाला के कॉमनवेल्थ संसदीय सम्मेलन में पाक को चखाया मचा

युगांडा की राजधानी कम्पाला में 64वें राष्ट्रमंडल की संसदीय बैठक आयोजित की गई. जिस आम सभा में भी पाकिस्तान अपनी हरकतों से बाज नहीं आया. उसने वहां भी संसदीय प्रतिनिधिमंडल ने कश्मीर का मुद्दा उठाया. साथ ही भारत पर आरोप लगाते हुए कहा कि सैन्य बल के भरोसे कश्मीर को बंधक बना लिया. भारत ने इस बात का जमकर विरोध किया.

कॉमनवेल्थ संसदीय सम्मेलन

भारतीय संसदीय प्रतिनिधिमंडल की सदस्य रूपा गांगुली और अन्य सदस्यों ने कश्मीर पर पाकिस्तानी दुष्प्रचार का पुरजोर विरोध किया. रूपा गांगुली ने कहा कि सैनिक शासन की परंपरा पाकिस्तान में व्याप्त है और वह 33 साल सेना के शासन में रहा है. भारत में सैनिक शासन कभी भी और कहीं भी नहीं रहा है.

लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला के नेतृत्व में भारतीय संसदीय प्रतिनिधिमंडल 22 से 29 सितंबर 2019 तक युगांडा में आयोजित 64वें राष्ट्रमंडल संसदीय सम्मेलन में भाग ले रहा है. इस प्रतिनिधिमंडल में अधीर रंजन चौधरी, रूपा गांगुली, डॉ. एल हनुमंथैया, अपराजिता सारंगी और स्नेहलता श्रीवास्तव शामिल हैं. भारत की ओर से राज्य विधानमंडलों के पीठासीन अधिकारी और सचिव, जो राष्ट्रमंडल संसदीय संघ के सदस्य भी है, इस सम्मेलन में भाग ले रहे हैं.

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इससे पहले मालदीव में आयोजित ‘सतत विकास लक्ष्यों की प्राप्ति’ विषय पर दक्षिण एशियाई देशों की संसदों के अध्यक्षों के चौथे शिखर सम्मलेन के दौरान भी पाकिस्तान ने कश्मीर मुद्दा उठाया था. जिसका लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला के नेतृत्व में जोरदार विरोध किया गया था.

मालदीव की संसद में कश्मीर का मसला उठाने पर भारत ने पाकिस्तान को करारा जवाब दिया था. राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश ने कश्मीर पर बोलने वाले पाकिस्तान के प्रतिनिधि को रोका और कहा था कि कश्मीर भारत का आंतरिक मामला है. इस पर किसी और को बोलने का हक नहीं है. इस मुद्दे पर भारत को मालदीव का भी साथ मिला था.

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