कैसे सिर्फ एक मैसेज ने बचा ली इस जवान की जान,जाननें के लिए पढ़ें पूरी खबर…
आपने सुना होगा की होनी को कौन टाल सकता है, मगर कभी-कभी होनी सिर्फ और सिर्फ आपके लिए टल जाती है। फिर आपके साथियों के साथ रहने वाले साथियों के साथ वह हादसा हो जाए तो शायद आप गहरे सदमे में चले जाएं। ऐसा ही कुछ हुआ सीआरपीएफ जवान थाका बेलकर के साथ।
बेलकर उसी बस में जाने वाले जिसमे पुलवामा में 40 जवान शहीद हुए हैं। मगर अंतिम वक्त में उनके मोबाइल पर आए एक मेसेज ने उन्हें मानों जैसे जीवनदान दे दिया हो।
महाराष्ट्र के अहमदनगर में जन्मे थाका बेलकर भी उसी टुकड़ी के साथ थे जो पुलवामा हमले में शहीद हो गए हैं। उनकी 24 फरवरी को शादी है इस वजह से उन्होंने छुट्टी के लिए आवेदन कर रखा था।
मगर 13 फरवरी तक उनकी छुट्टी को मंजूरी नहीं मिली थी। 14 फरवरी को वह भी अपने सभी साथियों संग जम्मू के बेस कैंप से श्रीनगर जाने के लिए चढ़े गए थे।
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मगर तभी उन्हें मोबाइल पर एक सन्देश आया। उस सन्देश में उनकी छुट्टी मंजूर होने की बात लिखी थी। जिसके बाद वह बस से उतर कर अपने गांव के लिए निकल गए।
अभी वह रास्ते में ही थे कि उन्हें इस बात की खबर मिली कि जिस बस और जिन साथियों को वह पीछे छोड़कर आए थे। उनपर पुलवामा में हमला हो गया है।