कैसे मिला 3400 साल पुराना ये महल, हुआ खुलासा!

यूं तो हमारे वैज्ञानिक अक्सर कोई–न-कोई खोज करते रहते हैं. जिसमें बहुत सारे खुलासे भी होते रहते हैं. आपको बता दें कि इराक के कुर्दिस्तान में ऐसी ही एक खोज हमारे वैज्ञानिकों द्वारा की गई हैं. घटना टिगरिस नदी के तट पर बने मोसुल बांध की है, जहां खोज की शुरुआत तब की गई, जब तालाब में पानी कम हो गया था. यहां 3400 साल पुराने एक ऐसे महल की खोज की गई, जिसको देख आप भी हैरान रह जाएंगें.

महल

पुरातत्वविदों को पहली बार साल 2010 में इस जगह का पता चला था. उस समय भी जलाशय में पानी कम ही था. हालांकि तब खुदाई नहीं हो पाई थी. जलाशय में 3400 साल पुराने एक महल के अवशेष मिलने की खबर मिली है.

रिपोर्ट्स की माने तो यह महल तब का है, जब यहां मित्तानी साम्राज्य का राज होता था. इसे लेकर पुरातत्वविज्ञानी इवाना पुलित्स ने कहा- “महल की इमारत को बेहद ही सावधानीपूर्वक डिजाइन किया है.  इस महल की दीवारें मिट्टी से बनी दो-दो मीटर मोटी हैं. कुछ दीवारें इससे भी मोटी हैं. अलग-अलग कमरों में प्लास्टर की गई दीवारें बनी हुई है.”

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3400  साल पुराने इस महल से 10 ऐसे छोटे-छोटे पत्थर भी मिले हैं, जिन पर कुछ लिखा हुआ है. इन पत्थरों को क्युनिफॉर्म टैबलेट कहा जाता है. दरअसल क्युनिफॉर्म लिखने की एक प्राचीन शैली थी. इन पत्थरों पर क्या लिखा है, इसके अनुवाद के लिए पत्थरों को जर्मनी रवाना किया है.

पुरातत्वविदों की मानें तो मित्तानी साम्राज्य के बारे में बहुत कम शोध हुए हैं. हालांकि खोज के बाद से इसके बारे में और अधिक जानकारियां सामने आने वाली हैं. फिलहाल महल की खुदाई का काम जारी.

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