कैराना लोकसभा सीट पर क्या हुकुम सिंह की बेटी इस बार बचा पाएंगी विरासत या खेला जाएगा मजबूत दांव
शामली। लोकसभा चुनाव काफी दिलचस्प होने वाला है। अभी तक जहां पश्चिमी उत्तर प्रदेश की बहुप्रतीक्षित कैराना लोकसभा सीट पर बीजेपी प्रत्याशी के बारे में संशय बना हुआ था। वहीं भाजपा ने इस सीट पर गुर्जर नेता पर दांव खेलते हुए प्रदीप चौधरी को मैदान में उतारा है।
लोकसभा चुनाव 2019 के लिए भारतीय जनता पार्टी ने अपनी चौथी सूची जारी कर दी है। इस सूची में भाजपा ने तीन सीटों पर अपने उम्मीदवारों का एलान किया है। पार्टी ने पश्चिमी यूपी की कैराना लोकसभा सीट से प्रदीप चौधरी और नगीना लोकसभा सीट से डॉ. यशवंत को टिकट दिया है।
कैराना लोकसभा सीट एक नजर में
यूपी के शामली की कैराना लोकसभा सीट 2019 चुनाव के लिहाज से बेहद महत्वपूर्ण मानी जा रही है। 2014 के चुनाव में इस सीट पर भाजपा की ओर से स्वर्गीय हुकुम सिंह ने जीत हासिल की थी। उनके निधन के बाद उपचुनाव में उनकी बेटी मृगांका सिंह ने रालोद की प्रत्याशी तब्बसुम हसन के खिलाफ चुनाव लड़ा, जिसमें बीजेपी को करारी हार का सामना करना पड़ा था। यही कारण है कि भाजपा इस सीट पर किसी भी रूप में जीत हासिल करना चाहती है और पिछली हार से सबक लेकर मजबूत प्रत्याशी को मैदान में उतारना तय किया है।
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गठबंधन की ओर से 2019 चुनाव के लिए एक बार फिर तबस्सुम हसन को टिकट दिया गया है। वहीं भाजपा की ताजा सूची के मुताबिक बीजेपी ने प्रदीप चौधरी को उम्मीदवार बनाया है। जाहिर है फिर से भाजपा और गठबंधन की तिकड़ी के बीच टक्कर का मुकाबला होगा। गौरतलब है कि उपचुनाव से पहले पलायन के मुद्दे को लेकर यह सीट काफी सुर्खियों में रही थी। सांप्रदायिक रूप से यह सीट बेहद संवेदनशील मानी जाती है।
त्रिकोणीय होगा मुकाबला
भाजपा जहां इस बार नए चेहरों को मौका देने की रणनीति पर काम कर रही है, ऐसे में प्रदीप चौधरी को कैराना सीट पर प्रत्याशी के रूप में उतारे जाने से इस चुनावी दंगल में नए समीकरण बन रहे हैं। वहीं उनके सामने तबस्सुम हसन के रूप में गठबंधन से एक मजबूत प्रत्याशी मैदान में है। ऐसे में भाजपा के लिए इस सीट पर जीत हासिल करना एक बड़ी चुनौती होगा।
उधर, कांग्रेस पहले ही इस सीट पर जाट कार्ड खेल चुकी है और कैराना से हरेंद्र मलिक को प्रत्याशी के तौर पर मैदान में उतारा है। हरेंद्र मलिक पूर्व में भी यहां से सांसद रह चुके हैं। जाट और मुस्लिम मतदाताओं वाली इस सीट पर अब भाजपा ने भी गुर्जर नेता पर दांव लगाया है।
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नगीना लोकसभा सीट
पश्चिमी यूपी नगीना लोकसभा सीट एक आरक्षित सीट है। पहली बार यह सीट सपा के खाते में आई। इसके बाद 2014 के चुनाव में भाजपा ने यहां अपना परचम लहराया और यशवंत सिंह सांसद चुने गए। गौरतलब है कि इस सीट पर दूसरे चरण में 18 अप्रैल को मतदान होना है।
कांग्रेस ने नगीना सीट पर ओमवती देवी जाटव को अपना प्रत्याशी बनाया है। मुस्लिम व अनुसूचित मतदाताओं वाली इस सीट पर एक बार फिर भाजपा अपनी नजर गढ़ाए हुए है। इस सीट से भाजपा ने फिर से डॉ. यशवंत सिंह को प्रत्याशी बनाया है। ऐसा कर पार्टी ने एक बार फिर उन पर भरोसा जताया है।