किसानों ने ठुकराया सरकार का यह प्रस्ताव, केंद्र को दे रहे बड़ी चेतावनी

केंद्र सरकार द्वारा बनाए गए कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली में लगातार 4 दिनों से प्रदर्शन (Kisan Protest) जारी है। दिल्ली की सड़कों पर हजारों संख्या में किसान उतर चुकें हैं जिसको ध्यान में रखते हुए केंद्र ने किसानों की मांग को सुनने का फैसला लिया है। लेकिन किसान अब सरकार से बातचीत नहीं करना चाहते। किसान संगठनों का मानें तो उनका कहना है कि वे किसी भी प्रकार की सशर्त बातचीत स्वीकार नहीं करेंगे। साथ ही उन्होंने केंद्र सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि वे दिल्ली आने वाले समस्त मार्गों को बंद कर देंगे।

इसी बीच भाजपा अध्‍यक्ष जेपी नड्डा के घर उच्चस्तरीय बैठक बुलाई गई। जानकारी के मुताबिक करीब 2 घंटों तक हुई इस बैठक में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, गृह मंत्री अमित शाह के साथ कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने हिस्सा लिया। आपको बता दें कि बीते रविवार को देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अपने ‘मन की बात’ कार्यक्रम के दौरान किसानों के लिए कहा था कि, इन कृषि सुधारों ने किसानों को नये अधिकार और अवसर दिये हैं और बहुत कम समय में उनकी परेशानियों को कम करना शुरू कर दिया है।

वाबजूद इसके किसानों का प्रदर्शन कम नही हुआ है। साथ ही गृह मंत्रालय ने भी किसानों के दिलासा देते हुए कहा कि केंद्रीय मंत्रियों का एक उच्चस्तरीय दल प्रदर्शन के बीच जा किसानों से बातचीत करेगा। वहीं पक्ष पर विपक्षियों ने वार करते हुए कहा कि सरकार को बिना किसी शर्त रखे किसानों से जल्द बातचीत करना चाहिए।

इस मामले में भारतीय किसान यूनियन की पंजाब इकाई के अध्यक्ष सुरजीत एस फूल ने बताया कि, ‘केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह द्वारा रखी गई शर्त हमें स्वीकार नहीं है। हम कोई सशर्त बातचीत नहीं करेंगे। हम सरकार के प्रस्ताव को अस्वीकार करते हैं। घेराव खत्म नहीं होगा। हम दिल्ली में प्रवेश के सभी पांच रास्तों को बंद करेंगे। साथ ही उन्होंने आगे कहा कि बातचीत के लिए शर्त किसानों का अपमान है। हम कभी बुराड़ी नहीं जाएंगे। वह पार्क नहीं है बल्कि खुली जेल है।’

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