मान्यता देने के बाद सरकार ने बंद कर ली आंखें, लड़कियां जबरन बनाई जा रही मां

किराए की कोखनई दिल्ली। कहते हैं कि बच्चे भगवान का रूप होते हैं। किसी भी दम्पति के लिए संतान का सुख ही सबसे बड़ा सुख माना जाता है। पर दुनिया में कई ऐसी महिलाएं हैं जिन्हें ये सुख कभी नहीं मिलता है। ऐसे ही लोगों को औलाद का सुख देने के लिए विज्ञान का एक नया आविष्कार हुआ सरोगेसी के रूप में। आज देश भर में सरोगेसी यानी किराए की कोख का चलन दिनों-दिन बढ़ता जा रहा है।

किराए की कोख ने बर्बाद करदी महिलाओं की जिंदगियां

हर दिन तेजी से फलते-फूलते इस धंधे की काली दुनिया इतनी घिनौनी होती जा रही है कि आज कई महिलाओं की जिंदगियां दांव पे लगी हैं। साथ ही इसने महिलाओं की लाइफ बर्बाद कर दी है।

एक तरफ पाकिस्तान की सबसे बड़ी शरिया कोर्ट ने टेस्ट ट्यूब बेबी को कानूनी तौर पर जायज करार दिया है। हालांकि, कोर्ट ने कहा है कि सरोगेसी गैर-कानूनी मानी जाएगी। वहीं भारत में पाक से ज्यादा ज्यादती कानूनी मान्यता के बाद भी महिलओं पर हो रही है।

एक अखबार में छपी एक खबर में गुजरात की 30 साल की प्रेमिला वाघेला की मौत का जिक्र किया गया था। दरअसल ये महिला बच्चे पैदा करने के लिए फिट नहीं थी, लेकिन पैसों के लिए इससे जबरदस्ती बच्चा पैदा करवाया जा रहा था। दुर्भाग्य से डिलिवरी के दौरान प्रेमिला वाघेला ने दम तोड़ दिया था। इस घटना के पीछे का सच जानने के लिए थोड़े दिनों बाद सैन फ्रांसिस्को की जर्नलिस्ट गियाना तोबोनी भारत आईं। सैन फ्रांसिस्को की जर्नलिस्ट की इन्वेस्टीगेशन के दौरान जो बातें पता चली वो दिल दहलाने वाली है, जो इस काली दुनिया की हकीक़त पूरी दुनिया के सामने लाती है।

किराए की कोख का काला चिट्ठा खुला

गियाना ने एक एजेंट से मुलाकात की, जिसने उन्हें भरोसा दिलाया कि वो बड़ी आसानी से अगले 3 महीनों में उसे एक बच्चा दिलवा सकता है। गियाना हैरान थीं कि एजेंट ने किसी तरह के कानूनी कारवाई का जिक्र नहीं किया। न्यूयॉर्क मैगजीन को दिए इंटरव्यू में तबानी ने कई खुलासे किए। उन्होंने बताया कि भारत में डॉक्टर्स इन ग्रुप्स के साथ मिले होते हैं। वो किराए की मां की कोख में एक से ज्यादा एम्ब्र्यो डालते हैं। इससे एक बार में ज्यादा बच्चे पैदा कर कई क्लाइंट्स को बच्चे दिए जाते हैं।

आपको बता दें कि Surrogacy  वो तरीका है जिसके जरिए कपल जिनके बच्चे नहीं हो पाते हैं, वो दूसरी महिला की कोख को उसकी अनुमति से किराए पर लेते हैं। दूसरी महिला पैसों के बदले 9 महीने उस कपल का बच्चा अपने गर्भ में रखती है। 2002 से भारत में जरूरतमंद की मदद के लिए इसे लीगल घोषित किया गया था। लेकिन अब ये दुनिया काली स्याही जैसी हो गई है।

आपको ये जानकार आश्चर्य होगा कि ज़रूरतमंदों की मदद के लिए विज्ञान के इस वरदान को लोगों ने अब धंधा बना लिया है। इस धंधे से जुड़े तमाम लोग अब कम उम्र की लड़कियों से लेकर महिलाओं को जबरदस्ती मां बनने पर मजबूर कर रहे हैं, ताकि बच्चों के बदले दलाल अच्छी-खासी कमाई कर पाए।

LIVE TV