कावेरी के पानी में लगी आग, दर्जनों गाड़ियां आग के हवाले, धारा 144 लागू  

कावेरी बेंगलुरु। कावेरी जल विवाद ने तमिलनाडु में फिर आग को भड़का दिया है। सोमवार को कर्नाटक के बेंगलुरु, मांड्या, मैसूर, चित्रदुर्गा और धारवाड़ जिलों में नए सिरे से भड़की हिंसा में सैकड़ों वाहन राख हो गए। हिंसा से सबसे अधिक बेंगलुरु प्रभावित हुआ है। लगभग 30 बस और ट्रक फूंक दिए गए। प्रशासन ने बेंगलुरु के सात थाना क्षेत्रों में कर्फ्यू लगा दिया है और धारा 144 लागू कर दी गयी है।

जाने क्‍या है पूरा मामला

तमिलनाडु में कम बारिश के कारण जन्‍मी समस्‍या को बताते हुए जानकारी दी गयी थी कि प्रदेश की चालीस हजार एकड़ जमीन में फसल बर्बाद हो रही है। जिसके लिए पानी की जरूरत है। नदियों के जल बंटवारे और बांधों की ऊंचाई से जुड़े अंतर-राज्यीय विवाद अब राज्यों की वास्तविक जरूरतों से वास्ता नहीं रखते।  इसके बजाय ये सस्ती लोकप्रियता हासिल करने और वोट बैंक की राजनीति का शिकार होते जा रहे हैं। कावेरी का विवाद राज्यों के बीच इकलौता जल विवाद नहीं है, इस तरह के कई और विवाद हैं।

15 हजार से ज्यादा पुलिस जवान सड़कों पर उतार दिए गए हैं। अर्द्धसैनिक बलों की 20 टुकड़ियों को यहां लगा दिया गया है। बदले में तमिलनाडु में भी कन्नड़ों पर हमले किए जा रहे हैं। ताजा हिंसा की वजह सुप्रीम कोर्ट द्वारा पांच सितंबर के आदेश पर रोक से इन्कार मानी जा रही है। शीर्ष अदालत ने सोमवार को कर्नाटक के आग्रह पर पिछले आदेश में मामूली संशोधन कर तमिलनाडु के लिए 15 हजार के बजाय 12 हजार क्यूसेक पानी रोज छोड़ने का आदेश दिया।

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कर्नाटक और तमिलनाडु के मुख्यमंत्रियों यानी सिद्दरमैया और जयललिता ने एक-दूसरे से अपने-अपने यहां के नागरिकों को पूरी सुरक्षा देने को कहा है। सोमवार को हिंसा की शुरुआत तमिलनाडु की राजधानी चेन्नई से हुई। वहां न्यू वुडलैंड्स होटल पर एक तमिल संगठन ने हमला कर तोड़फोड़ की।

उधर, प्रदर्शनकारियों ने रामेश्वरम में कर्नाटक के नंबर वाले सात वाहनों में तोड़फोड़ की। ये वाहन उस समय एक मंदिर परिसर में खड़े थे। तमिल प्रदर्शनकारी दरअसल एक दिन पहले बेंगलुरु में एक तमिल युवक को पीटने का वीडियो सामने आने से नाराज थे। उस युवक ने कन्नड़ अभिनेताओं के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी सोशल मीडिया पर डाली थी।

तमिलनाडु में कन्नड़भाषियों पर हमले की खबर के बाद कर्नाटक में हिंसा भड़क गई। प्रदर्शनकारियों ने बेंगलुरु में तमिलनाडु के नंबर वाले वाहनों को चुन-चुन कर निशाना बनाना शुरू कर दिया। शहर में पड़ोसी राज्य की लगभग 30 बसें और ट्रक फूंक दिए गए। कई अन्य वाहनों को भी जलाया गया। इसके बाद तमिलनाडु जाने वाली बसें बंद कर दी गईं। मेट्रो सेवा भी अस्थायी तौर पर रोक दी गई।

हिंसा और आगजनी के बाद शहर की कई कंपनियों ने कामकाज बंद कर दिया। स्कूल-कॉलेजों में छुट्टी घोषित कर दी गई। बेंगलुरु में एक टीवी चैनल की पत्रकार और उसके सहयोगी कैमरामैन पर भी हमला किया गया। कर्नाटक के गृह मंत्री ने जी. परमेश्वरन ने कहा कि हिंसा में शामिल 200 लोगों को हिरासत में लिया गया है। हिंसा और लूटपाट में शामिल भीड़ को काबू करने के लिए पुलिस ने कई जगहों पर लाठीचार्ज किए।

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केंद्र ने आरएएफ की 10 कंपनियां भेजी इस बीच केंद्र ने हालात से निपटने के लिए रैपिड एक्शन फोर्स (आरएएफ) की दस कंपनियां भेजी हैं। इनमें शामिल 1000 जवानों को कर्नाटक के साथ तमिलनाडु में भी तैनात किया जाएगा। जरूरी होने पर और जवान भेजे जाएंगे। कर्नाटक में राज्य पुलिस के अतिरिक्त आरएएफ की तीन यूनिट और महिला सीआरपीएफ कंपनी पहले से ही तैनात हैं।

अधिकारियों के मुताबिक, बीएसएफ और आटीबीपी की 5-10 कंपनियां स्टैंडबाई में रखी गईं। जरूरत होने पर इन्हें भी दंगे से निपटने में लगाया जाएगा। नई दिल्ली में केंद्रीय गृह सचिव राजीव महर्षि ने कानून व्यवस्था कायम रखने के लिए सभी प्रकार की सहायता का आश्वासन दिया है।

 

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