कांग्रेस के घोषणा पत्र में एजुकेशन लोन, फ्री पढ़ाई समेत किए ये 25 वादे

नई  दिल्ली: कांग्रेस ने लोकसभा चुनाव 2019 के लिए घोषणा पत्र जारी कर दिया है।  वहीं  पार्टी ने इस घोषणा को जन आवाज नाम दिया गया है और इसकी टैगलाइन ‘हम निभाएंगे’ है। घोषणा पत्र में किसान, रोजगार, शिक्षा को लेकर कई वादें किए हैं। वहीं शिक्षा के क्षेत्र को लेकर भी 25 वादे किए हैं। जहां  इसमें कांग्रेस का वादा है कि अगर उनकी सरकार आती है तो जीडीपी का 6 फीसदी हिस्सा शिक्षा पर खर्च किया जाएगा।

कांग्रेस

आइये जानते हैं कांग्रेस ने शिक्षा को लेकर क्या क्या वादे किए हैं-

 

जानें कांग्रेस के चुनावी घोषणापत्र की 10 सबसे अहम बातें

बता दें की कांग्रेस का वादा है कि सरकार में आने के बाद स्कूली शिक्षा को संघ सूची की सातवीं अनुसूची के तहत राज्य सूची में स्थानांतरित किया जाएगा, जबकि संघ सूची में उच्च शिक्षा के विषय को बरकरार रखा जाएगा। वहीं सरकारी स्कूलों में कक्षा एक से कक्षा बारहवीं तक की स्कूली शिक्षा अनिवार्य और मुफ्त होगी। लेकिन  शिक्षा का अधिकार अधिनियम, 2009 में इस संबंध में संशोधन किए जाएंगे जहां सरकारी स्कूलों में विभिन्न उद्देश्यों के नाम पर विशेषशुल्क वसूलने की प्रथा को खत्म किया जाएगा।

देखा जाये तो कांग्रेस शिक्षा की गुणवत्ता और खराब शिक्षण परिणामों के संदर्भ में बेहद चिंतित हैं, जैसा कि शिक्षा की वार्षिक सर्वेक्षण रिपोर्ट (एएसईआर) में सामने आया है। वहीं कांग्रेस सीखने के परिणामों को सर्वोच्च महत्व देने का वादा करती है।

सरकारी शिक्षक प्रशिक्षण संस्थानों की क्षमता, संख्या और गुणवत्ता को बढ़ाने का वादा हैं।  जहां शिक्षक प्रशिक्षण संस्थानों का विनियमन राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद् की जिम्मेदारी होगी और उनका वित्त पोषण विश्वविद्यालय अनुदान आयोग या उसकी अनुवर्ती संस्था की जिम्मेदारी होगी। लेकिन शिक्षकों की आवधिक और सतत शिक्षा के लिए एक योजना लागू की जाएगी और शिक्षकों को अनिवार्य रूप से योजना में हिस्सा लेना होगा।

कांग्रेस ने 2023-24 तक समाप्त होने वाले 5 वर्षों में शिक्षा के लिए बजट आवंटन को दोगुना बढ़ाकर जीडीपी का 6 प्रतिशत करने का वादा किया. इसके लिए आगे की रूपरखा 2019-20 के आम बजट में सामने रखी जाएगी और विशिष्ट वार्षिक लक्ष्य तय किए जाएंगे।

जहां कांग्रेस ने कक्षा 1 से कक्षा 12 तक के हर स्कूल में पर्याप्त बुनियादी ढांचा प्रदान करने के लिये खर्च को बढ़ाने का वादा किया, जिसमें कक्षा, पुस्तकालय, प्रयोगशाला, खेल का मैदान, शौचालय, पेयजल आदि शामिल होंगे छात्रावास का निर्माण मांग के आधार पर किया जाएगा कांग्रेस ने मांग के आधार पर और राज्य सरकारों के सहयोग के साथ केंद्रीय विद्यालयों और नवोदय विद्यालयों की संख्या बढ़ाने का वादा करती है।

बच्चों का स्कूली पढ़ाई बीच में ही छोड़ना बेहद गंभीर चिंता का विषय है।  जहां कांग्रेस इस प्रवृत्ति को रोकने और यह सुनिश्चित करने का वादा किया है कि हर बच्चा 12वीं कक्षा तक की स्कूली शिक्षा पूरी करे लेकिन शिक्षा की एक समान गुणवत्ता सुनिश्चित करने और सीखने के परिणामों को बेहतर बनाने के लिए कांग्रेस सभी स्कूलों में प्रौद्योगिकी-सक्षम शिक्षण विधियों और प्रौद्योगिकी-संचालित, व्यक्तिगत और अनुकूली शिक्षण उपकरणों को लगाने का वादा हैं।

बच्चों को रोजगार या स्वरोजगार के लिए तैयार करने के लिए कांग्रेस का वादा है कि 9वीं कक्षा से 12वीं कक्षा तक स्कूली शिक्षा के अनिवार्य घटक के रूप में व्यावसायिक प्रशिक्षण को शुरू किया जाएगा इसी के साथ  कांग्रेस विशेष जरुरत वाले बच्चों के लिये विशेष स्कूलों की स्थापना को बढ़ावा देगी।

खबरों के मुताबिक अलग-अलग संगठनों को कॉलेजों और विश्वविद्यालयों के विनियमन, ग्रेडिंग और फंडिंग सौंपे जाएंगे। जहां जरूरत और योग्यता के आधार पर कॉलेजों और विश्वविद्यालयों को उदारतापूर्वक अनुदान देने के लिये विश्वविद्यालय अनुदान आयोग या इसकी अनुवर्ती संस्था को पर्याप्त धन प्रदान किया जाएगा।  विश्वविद्यालयों की नियमित स्थापना में अतिथि, अस्थायी और अनुबंध शिक्षकों को शामिल करने के लिये उपयुक्त उपाय करने का वादा करते हैं, ताकि उन्हें वाजिब हक का फायदा मिल सके।

हम केंद्रीय विश्वविद्यालयों और उच्च शिक्षा के अन्य केंद्रीय संस्थानों की नियुक्तियों में 200-बिंदु रोस्टर प्रणाली को बहाल करने का वादा करते हैं। कांग्रेस सुनिश्चित करेगी कि सेवारत शिक्षकों का प्रतिनिधित्व कॉलेजों और विश्वविद्यालयों के प्रबन्धक निकायों में किया जाए।

चिकित्सा, इंजीनियरिंग, वाणिज्य, प्रबंधन और विज्ञान जैसे विषयों में और अधिक उच्च शिक्षण संस्थानों की स्थापना करने का वादा किया। अगले 5 सालों में उच्च शिक्षा में सकल नामांकन अनुपात (जीईआर) को 25.8 के मौजूदा स्तर से बढ़ाकर कम से कम 40 के स्तर तक लाने का वादा। वहीं नीट (NEET) परीक्षा के नियमों में बदलाव।

जो विद्यार्थी स्थायी रूप से गांव में रहते है परिवार से पहली बार शिक्षण के लिए आये या लिंग विशेष के आधार पर कॉलेज या विश्वविद्यालय में प्रवेश के लिए आवेदन करता है, को विशेष आपद अंक (Deprivation Points) देकर प्रोत्साहित किया जाए।

जहां कॉलेज और विश्वविद्यालय शिक्षा को बहुविध तरीकों से वित्त पोषित किया जाना चाहिए,  हम कॉलेजों और विश्वविद्यालयों को अनुदान के लिए निर्धारित राशि बढ़ाने का वादा करते हैं। कांग्रेस ने छात्रों को दी जाने वाली छात्रवृत्ति की संख्या बढ़ाने का वादा किया है। वहीं गरीब पात्र छात्रों को सहायता देने के लिये प्रतिभा फंड बनाने हेतु कॉलेजों और विश्वविद्यालयों को प्रोत्साहित किया जाएगा।

शिक्षा ऋण कार्यक्रम को पुनर्जीवित, पुनरचना करेंगे ।एकल पोर्टल पर आवेदन प्राप्त, जांच और स्वीकृत किए जायेंगे और फिर आवेदक के निवास या अध्ययन स्थल के नजदीक प्रलेखन और निगरानी के लिये बैंक की शाखा को सौंपे जायेंगे।

जब तक छात्र को नौकरी नहीं मिलती या स्वरोजगार के माध्यम से कमाई शुरु नहीं होती हैं, तब तक अध्ययन की अवधि के दौरान का कोई ब्याज नहीं लिया जायेगा।  31 मार्च, 2019 तक के पुरानेशिक्षा ऋणों पर बकाया ब्याज माफ कर दिया जायेगा। कॉलेजों और विश्वविद्यालयों में छात्रों के अधिकारों और दायित्वों को संहिताबद्ध करने के लिये कांग्रेस छात्र अधिकार विधेयक पारित किया जाएगा।

 

 

 

LIVE TV