कर्नाटक में कुमारस्वामी सरकार गिराने के बाद अब कमलनाथ सरकार की बारी, लेकिन फेल हो गयी बीजेपी की प्लानिंग
कर्नाटक में कुमारस्वामी के नेतृत्व वाली सरकार गिराने के बाद अब बीजेपी की निगाहें कमलनाथ सरकार पर हैं. लेकिन सबको पता है कि इसके लिए कमलनाथ सरकार ने पहले ही कमर कस ली है. सभी को लग रहा था कि कर्नाटक सरकार के बाद अब मध्य प्रदेश सरकार गिरने की बारी है लेकिन बीती रात कमलनाथ ने कुछ ऐसा दांव खेला कि बीजेपी के किये कराये पर पानी फिर गया है.
कर्नाटक में कांग्रेस और जेडीएस की संयुक्त सरकार के गिरे अभी 24 घंटे भी पूरे नहीं हुए कि दूसरे दलों के सहयोग से मध्य प्रदेश में चल रही सरकार के भविष्य पर बीजेपी की ओर से सवाल उठाए जाने लगे थे, क्योंकि राज्य में विधायकों की संख्या के गणित को देखें तो एक बात साफ है कि बहुमत के आंकड़े से कांग्रेस विधायकों की संख्या दो कम है.
राज्य के 230 विधायकों वाली विधानसभा में कांग्रेस के पास 114 विधायक ही है, बहुमत के आंकड़े के लिए उसे दो और विधायकों की जरूरत है, मगर उसे निर्दलीय चार, बसपा दो और सपा के एक विधायक का समर्थन हासिल है. इस तरह कांग्रेस को 121 विधायकों का समर्थन हासिल है, जो बहुमत से कहीं ज्यादा है.
वहीं बीजेपी के पास 108 विधायक हैं, इस तरह उसे अभी सात विधायकों की दरकार है. कर्नाटक में कांग्रेस-जेडीएस की सरकार गिरी तो राज्य में भी बीजेपी के खेमे में हलचल तेज हो गई. बीजेपी की ओर से आए बयानों के बीच कमलनाथ ने साफ तौर पर चुनौती दे डाली कि बहुमत का परीक्षण करा ली, वे तैयार हैं.
शाम होते तक मामला गर्म हो गया, जब दंड विधि संशोधन विधेयक पर चर्चा हो रही थी, तभी बसपा विधायक संजीव सिंह कुशवाहा ने मत विभाजन की मांग कर डाली.
इसे विधानसभाध्यक्ष एनपी प्रजापित ने स्वीकार करते हुए मत विभाजन कर डाला. इसमें बीजेपी के दो विधायकों ने विधेयक का साथ दिया. इस तरह विधानसभा के अध्यक्ष के अलावा कांग्रेस को 122 विधायकों का समर्थन मिला और विधेयक पारित हो गया.
मुख्यमंत्री कमलनाथ का कहना है कि बीजेपी पिछले छह माह से रोज कहती रही कि हमारी सरकार अल्पमत की सरकार है. आज जाने वाली है कल जाने वाली है, ऐसा वह रोज कहती थी.
आज भी नेता प्रतिपक्ष ने कहा. इस पर हमने सोच लिया कि हम बहुमत सिद्ध कर देंगे ताकि दूध का दूध और पानी का पानी अलग हो जाए. आज हुआ मतदान एक विधेयक पर मतदान नहीं है यह बहुमत सिद्ध का मतदान है. वहीं
बीजेपी के वरिष्ठ नेता नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि यह खेल कांग्रेस ने शुरु किया है, इसका अंत हम करेंगे.