कमिश्नर मुरादाबाद ने दिया जौहर यूनीवर्सिटी के खिलाफ फैसला, 17.5 एकड़ जमीन वापस करने के आदेश

Report- Faheem Khan/Rampur

यूपी के रामपुर में आज़म खाँन की मुश्किलें एक बार फिर बढ़ गई है. जौहर विश्वविद्यालय को दी 17.5 एकड़ में सरकारी चकरोड वापस ली जाएगी। कमिश्नर मुरादाबाद ने माना कि यह सब अधिकारियों की मिलीभगत से हुआ था.

आज़म खाँन लगातार मुश्किलों में है लूट भैंस चोरी के 11 मुकदमे अभी तक दर्ज हो चुके है ऐसे में कमींशनर मुरादाबाद का फैसला भी सांसद आज़म खाँन खिलाफ गया है.

आपको बता दें की 20 जुलाई 2012 को जौहर ट्रस्ट द्वारा चक रोड की ज़मीन को विनियम के लिए मांगा गया था. 13 सितंबर 2012 को  सामुदायिक उपयोग की 17.5 एकड़ भूमि के विनियम की अनुमति देकर उसे ट्रस्ट को दे दिया गया था.

जौहर यूनिवर्सिटी

20 सितंबर 2017 को भाजपा नेता आकाश सक्सेना की मुख्यमंत्री से की गई शिकायत पर तत्कालीन जिलाधिकारी शिव सहाय अवस्थी में राजस्व बोर्ड परिषद इलाहाबाद में चार वाद दायर करवाएं थे.

दायर वादों में आकाश सक्सेना को निगरानी कर्ता के साथ-साथ वाद की पैरवी के लिए व्यक्तिगत एडवोकेट अपने खर्चे पर लड़ने की अनुमति प्रदान की गई थी. 3 अगस्त 2018 को राजस्व बोर्ड परिषद इलाहाबाद द्वारा वाद चलाने की अनुमति प्रदान की गई थी.

20 अगस्त 2018 को राजस्व बोर्ड परिषद के इस आदेश के विरुद्ध आजम खान ने उच्च न्यायालय इलाहाबाद में याचिका दायर की. जिसमें आजम खान ने जिलाधिकारी के साथ-साथ आकाश सक्सेना को भी प्रतिवादी बनाया गया था.

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26 अगस्त 2018 को उच्च न्यायालय ने राजस्व बोर्ड परिषद के उक्त फैसले को सही ठहराते हुए आजम खान की याचिका को खारिज कर दिया था.

23 जनवरी 2019 को राजस्व बोर्ड इलाहाबाद ने अपना फैसला सुनाते हुए उक्त वाद मुरादाबाद कमिश्नर को 4 सप्ताह के अंदर निस्तारण करने का आदेश दिया था।

आज कमिश्नर मुरादाबाद ने अपना फैसला सुनाते हुए एसडीएम द्वारा जौहर विश्वविद्यालय को दी गई 17.5 एकड़ सरकारी चकरोड के आदेश को निरस्त कर दिया है। दोषी अधिकारियों एवं तत्कालीन लेखपाल के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई के निर्देश दिए.

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