ओबीसी उप वर्गीकरण आयोग में कुछ हुआ है, जानें अच्छा हुआ या बुरा!

नई दिल्ली। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने गुरुवार को अन्य पिछड़ा वर्गो (ओबीसी) के उप वर्गीकरण मुद्दे की जांच के लिए गठित आयोग की समयसीमा मई 2019 तक के लिए बढ़ा दी है।

ओबीसी

आयोग ने उपवर्गीय सूची और रिपोर्ट को अंतिम रूप देने से पहले राज्य और उसके पिछड़ा वर्ग आयोगों से बातचीत के लिए समय की मांग की, जिसके बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता वाली मंत्रिमंडलीय बैठक में इस विस्तार को अनुमति दी गई।

आरक्षण के अंदर आरक्षण देने से संबंधित राजनीतिक रूप से महत्वपूर्ण इस रिपोर्ट को दाखिल करने के लिए आयोग के समय में चौथी बार विस्तार किया गया है।

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राष्ट्रपति ने 2 अक्टूबर 2017 को अन्य पिछड़ा वर्ग के उप वर्गीकरण के लिए आयोग का गठन किया था। इसकी रिपोर्ट जनवरी 2018 तक तीन महीनों के अंदर दाखिल की जानी थी, लेकिन भारी-भरकम कार्य की वजह से आयोग के समय में बार-बार विस्तार किया गया है।

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ओबीसी के उप वर्गीकरण से यह सुनिश्चित होगा कि ओबीसी समुदाय में और भी पिछड़ी आबादी शैक्षणिक संस्थानों और सरकारी नौकरियों में आरक्षण का फायदा उठा सकेगी।

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