ऑनलाइन एजुकेशन से शैक्षिक असमानता मिटाने में मदद मिलेगी, 2 साल में स्मार्टफोन का प्रयोग 25.3% बढ़ा

कोविड-19 महामारी के दौरान ऑनलाइन शिक्षा या ई-एजुकेशन को काफी बढ़ावा मिला है। इसको सही तरीके से इस्तेमाल कर शैक्षिक असमानता को दूर किया जा सकता है। वित्त वर्ष 2020-21 के आर्थिक सर्वे में यह बात कही गई है।

बीते 2 साल में स्मार्टफोन के प्रयोग में बढ़ोतरी

आर्थिक सर्वे के मुताबिक, बीते 2 साल में स्कूली छात्रों के स्मार्टफोन प्रयोग में 25.3% की बढ़ोतरी हुई है। 2018 में सरकारी और प्राइवेट स्कूलों के 36.5% छात्र स्मार्टफोन का प्रयोग करते थे। 2020 में यह संख्या 61.8% हो गई है। आर्थिक सर्वे में एनुअल स्टेटस ऑफ एजुकेशन रिपोर्ट (ASER) 2020 वेव-1 (रूरल) के हवाले से यह बात कही गई है।

शिक्षा के लिए सरकार ने कई कदम उठाए

ऑनलाइन लर्निंग को बढ़ावा देने के लिए 818.17 करोड़ रुपए आवंटित

कोविड-19 का प्रभाव कम करने के लिए केंद्र सरकार ने राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों को 818.17 करोड़ रुपए आवंटित किए हैं। इस राशि का इस्तेमाल डिजिटल प्रयासों के जरिए ऑनलाइन लर्निंग को बढ़ावा देने के लिए किया गया है। इसके अलावा समग्र शिक्षा स्कीम के तहत ऑनलाइन टीचर ट्रेनिंग के लिए 267.86 करोड़ रुपए आवंटित किए गए हैं।

क्वालिटी एजुकेशन के लिए सरकार ने की नई पॉलिसी की घोषणा

सर्वे में कहा गया है कि स्कूलों और संस्थानों में क्वालिटी एजुकेशन उपलब्ध कराने के लिए सरकार ने नई नेशनल एजुकेशन पॉलिसी 2020 की घोषणा की है। इसमें किफायती और प्रतियोगी शिक्षा पर फोकस किया गया है। नई पॉलिसी ने 34 साल पुरानी नेशनल पॉलिसी ऑन एजुकेशन 1986 का स्थान लिया है।

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