जानिये… लखनऊ में महिला पर तेजाब हमले के पीछे की असल कहानी

एसिड अटैक पीड़ितालखनऊ उत्तर प्रदेश में लगातार अपराध बढ़ता जा रहा है जिसको लेकर  की सरकार पर सवाल उठ रहे है। रायबरेली की एसिड अटैक पीड़िता पर दोबारा एसिड फेंके जाने पर राज्य सरकार कटघरे में घिर गई है। लेकिन इस मामले में एक नया मोड़ नज़र आ रहा है।

दरअसल पीड़िता का आरोप है कि पिछले 9 सालों में उसके ऊपर 5 एसिड अटैक और 2 बार गैंग रेप हुआ है। लेकिन इन मामलों में से 3 में पुलिस ने फाइनल रिपोर्ट दर्ज कर दी, और ये तीनों मामले फर्जी निकले हैं। मामला यहीं नहीं रुकता है, पीड़ित महिला के जेठ ने उसपर और भी सनसनीखेज आरोप लगाए हैं। उनका कहना है कि वह लोगों से पैसा ऐंठने के लिए झूठे आरोप लगाती है।

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शनिवार को जब महिला पर एसिड अटैक की खबर आई तो वह मौजूद गार्ड ने बताया कि जब शनिवार को महिला की चिल्लाने की आवाज सुनी तो मौके पर मौजूद गार्ड ने बताया कि उनकी नाईट शिफ्ट थी और वे चार्ज लेने के लिए गार्ड रूम में गए थे। उसी दौरान पीड़ित महिला बोतल लेकर पानी भरने जा रही थी। तभी उनके चिल्लाने की आवाज आई।

जब वह मौके पर पहुंचा तो उन्होंने कहा कि किसी ने तेजाब से हमला किया। उन्होंने जिस तरफ इशारा किया मैं टोर्च लेकर उस तरफ भागा। लेकिन वहां कोई नहीं था और न ही कोई पीछे से भाग सकता है। क्योंकि पीछे पानी भरा था और दीवार भी काफी ऊंची है।

अगर गार्ड की मानें तो वहां कोई नहीं था। फिर सवाल यह उठता है कि हमला किसने किया? पुलिस ने वहां मौजूद एक युवक को दीवार कूदने के लिए कहा। लेकिन वह ऐसा नहीं कर सका। इससे भी संदेह उत्पन्न हो रहा है कि वह इतनी जल्दी कैसे फरार हो गया।

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पुलिस के मुताबिक तीन मामले में आरोप निकले झूठे

पीड़िता ने इससे पहले भी कई बार गैंगरेप और एसिड अटैक के आरोप लगाए हैं, जिनमें 5 मामले दर्ज किए गए।
पहली बार 11 दिसंबर 2008 को पहली बार महिला द्वारा लगाए गए गैंगरेप और एसिड अटैक मामले को झूठा पाया और फाइनल रिपोर्ट लगा दी थी।
दूसरी बार 19 फरवरी 2011 को महिला के घर में मारपीट हुई थी और इस मामले में एससीएसटी एक्ट में मामला दर्ज हुआ। इस केस में भी पुलिस ने मामला झूठा पाया।

तीसरी बार 25 अक्टूबर 2012 को रायबरेली में एनटीपीसी के पास महिला का अपहरण करने के बाद गैंगरेप किया गया। इस मामले की इनवेस्टिगेशन सीबीसीआईडी ने की थी। सीबीसीआईडी ने ये मामला झूठा पाया था और फाइनल रिपोर्ट लगा दी थी।

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