एयर इंडिया के विमान में सुरक्षा के मद्देनजर एक बड़ी चूक सामने आई, 15 घंटे खुले दरवाजे के साथ उड़ता रहा विमान
भारत की आधिकारिक विमानन सेवा एयर इंडिया एक बार फिर खराब कारणों से चर्चा में है. एयर इंडिया के विमान में सुरक्षा के मद्देनजर एक बड़ी चूक सामने आई है, जिसकी वजह से यह संस्था एक बार फिर सवालों के घेरे में है. एयर इंडिया के विमान बोइंग 777 को मजबूरन सैन फ्रांसिस्को में रोक देना पड़ा क्योंकि एयर क्राफ्ट की चेकिंग के दौरान दरवाजे के पास एक मोड़ देखा गया.
नई दिल्ली से सैन फ्रांसिस्को जा रहे इस विमान में 225 यात्री सवार थे. रविवार शाम ही यह विमान दिल्ली से सैन फ्रांसिस्को के लिए रवाना हो चुका था. एयरलाइन के अधिकारियों ने कहा कि फ्लाइट एयर इंडिया 183 यात्रियों के बिना किसी शिकायत के लैंड हुआ. अब इस मामले में जांच की जा रही है कि कैसे दरवाजे के पास छेद हुआ.
एयर इंडिया के प्रवक्ता ने कहा, ‘बी777 एयरक्राफ्ट VT-ALH सैन फ्रांसिस्को में लैंड हुआ. लैंडिंग के बाद जहाज की निगरानी के वक्त दरवाजे के पास एक छोटा सा कट नजर आया. एयर इंडिया स्थानीय एयरक्राफ्ट मेंटिनेंस एजेंसियों के जरिए इस परेशानी से निजात पाने की कोशिश कर रहा है. अगर समाधान नहीं होता तो भारत की ओर से इंजीनियर और सामान भेजे जाएंगे.’
इन सबके बीच एक बार फिर सबसे बड़ा सवाल यह है कि क्या जांच के दौरान विमान में यह स्क्रेच बना या उससे पहले ही यह दरार बनी थी. एयरलाइंस के मुताबिक इस एयर क्राफ्ट में दिल्ली में भी लोग सवार हुए. तब तक विमान की जांच पूरी कर ली गई थी. कहीं कोई शिकायत नहीं मिली थी.
अधिकारियों का कहना है कि विमान भेजे जाने से पहले जांच प्रक्रिया पूरी की जाती है. उस वक्त कोई समस्या नहीं थी. लेकिन इस बात से भी इनकार नहीं किया जा सकता है कि इस वक्त विमान के गेट में दरार है. अभी एयरलाइन के अधिकारी समझ नहीं पा रहे हैं कि किस वजह से दरवाजे के पास यह क्षति हुई है.
विमानन मामलों के जानकार मोहन रंगनाथन का कहना है कि ग्राउंड पर क्षति हुई है. अगर यह उड़ान के दौरान होता तो इस तरह दरवाजे के पास मोड़ नहीं बनता. यह अंदर की ओर मुड़ा हुआ है.
उन्होंने कहा कि विमान के बाहरी हिस्से में आई इस क्षति के चलते दबाव में कुछ खास फर्क नहीं पड़ता. सवाल यह है कि दिल्ली में विमान के उड़ान भरने से पहले क्या इस पर गौर नहीं किया गया. इस विमान को सैन फ्रांसिस्को में उतरना था. यह होल बढ़ भी सकता था. किसी को इसके लिए जरूर जिम्मेदार ठहराना चाहिए.’