जानें क्यों एन.टी. रामाराव की पौत्री का भरोसा है सातवें आसमान पर

हैदराबाद| तेलुगू देशम पार्टी (तेदेपा) के संस्थापक एन. टी. रामाराव की पौत्री और ग्रेटर हैदराबाद स्थित कुकटपल्ली विधानसभा क्षेत्र से उम्मीदवार एन. वेंकट सुहासिनी को उनकी पैतृक विरासत जीत दिलाने में मददगार साबित हो सकती है।
एन.टी. रामाराव
तेलंगाना में चुनावी स्पर्धा में सुहासिनी की मौजूदगी इसलिए महत्वपूर्ण है कि अविभाजित आंध्रप्रदेश में तेदेपा के शीर्ष नेता राज्य के बंटवारे के बाद आंध्रप्रदेश चले गए हैं

तेदेपा ने सुहासिनी को चुनाव मैदान में उतारा है, जिनके पिता और पूर्व मंत्री एन. हरिकृष्णा की इसी साल सड़क हादसे में मृत्य हो गई थी।

सुहासिनी (43) सामाजिक कार्यकर्ता है। सुहासिनी को भरोसा है कि उनको चुनाव में जीत हासिल करने में उनकी पैतृक विरासत का लाभ मिलेगा। कुकटपल्ली विधानसभा क्षेत्र में अनेक मतदाता ऐसे हैं जो मूल रूप से आंध्रप्रदेश के रहने वाले हैं।

हालांकि अभिनेता से राजनेता बने दिवंगत एनटीआर का परिवार चुनाव अभियान में विभाजित है।

सुहासिनी की चाची और केंद्रीय मंत्री पुरंदेश्वरी ने अपनी भतीजी के पक्ष में नहीं बल्कि भारतीय जनता पार्टी उम्मीदवार एम. कांता राव के पक्ष में चुनाव प्रचार किया है।

एनटीआर की बेटी पुरंदेश्वरी संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) सरकार में मंत्री थी, लेकिन आंध्रप्रदेश का बटवारा होने पर वह कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हो गईं।

तेदेपा कांग्रेस की अगुवाली में महागठबंधन का हिस्सा है और प्रदेश की 119 सदस्यीय विधानसभा के लिए होने वाले चुनाव में 13 सीटों पर चुनाव लड़ रही है। तेलंगाना में सात दिसंबर को मतदान होगा।

आंध्रप्रदेश के मुख्यमंत्री और तेदेपा अध्यक्ष एन. चंद्रबाबू नायडू सुहासिनी के लिए चुनाव प्रचार करने वाले हैं। नायडू एनटीआर के दामाद हैं।

सुहासिनी के समर्थन में नायडू कैबिनेट में मंत्री परीतला सुनीता ने क्षेत्र में रोड शो किया है।
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एनटीआर के अभिनेता पुत्र व तेदेपा विधायक एन. बालाकृष्णा ने पहले ही कहा है कि वह अपनी भतीजी के समर्थन में चुनाव प्रचार करेंगे।
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उधर, तेलंगाना में सत्ताधारी तेलंगाना राष्ट्र समिति (टीआरएस) ने एम कृष्णा राव को चुनाव मैदान में उतारा है। वह यहां से 2014 में तेदेपा की टिकट पर चुनाव जीते थे, लेकिन बाद में सत्ताधारी पार्टी में शामिल हो गए। मजे की बात यह है कि कृष्णाराव के भाई कांता राव यहां भाजपा के उम्मीदवार हैं। कुकटपल्ली को छोटा भारत कहा जाता है क्योंकि यहां विभिन्न प्रदेशों और समुदायों के लोग रहते हैं। तकरीबन 60 फीसदी निवासी आंध्रप्रदेश के हैं।
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आंध्रप्रदेश में मुख्य विपक्षी दल वाईएसआर कांग्रेस ने तेलंगाना विधानसभा चुनाव में अपने उम्मीदवार नहीं उतारे हैं, लेकिन पार्टी ने कुकटपल्ली में टीआरएस उम्मीदवार को समर्थन देने की घोषणा की है। 2014 में तेदेपा के उम्मीदवार यहां करीब 43,000 मतों के अंतर से चुनाव जीते थे।

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