एन जी टी के नियमों को ताक पर रखकर बन रहे ऑलवेदर सड़क पर डम्पिंग जोन, जानें क्या है पूरा विवाद…

REPORT – BALWANT RAWAT

टिहरी- आलवेदर रोड निर्माण में ठेकेदार कम्पनी की गैर जिम्मेदार कार्यशैली केन्द्र सरकार की महत्वपूर्ण चारधाम परियोजना को विवादास्पद बनाने पर उतारु प्रतीत होती दिख रही है। जिसकी बानगी ऋषिकेश-गंगैत्री राष्ट्रीय राजमार्ग एन एच-94 पर देखने को मिलती है जहां निर्माणदायी कम्पनी अपने हित के अनुरूप में डंपिंग जोन का प्रयोग करके पी एम के इस ड्रीम प्रोजक्ट पर एनजीटी के नियमों के उलंघन का आरोप लगाने का कार्य किया जा रहा है।

टिहरी
पिछले एक वर्ष से एन एच-94 पर चम्बा-घरासू के बीच आलवेदर रोड़ चौड़ीकरण का कार्य गतिमान है। परियोजना के प्रारम्भ से ही डपिंग जोन चयन सबसे महत्वपूर्ण विषय रहा है।अधिकांश स्थानों पर डपिंग जोन जनहित एवं जनभावनाओं के विपरीत बनाकर ठेकेदार कम्पनियों के हित अनुरूप बनाए गए हैं। चारधाम परियोजना नाम से आलवेदर रोड़ निर्माण केन्द्र सरकार का ड्रीम प्रोजेक्ट है।
स्थानीय जनता की शुरू से मांग रही है कि कस्बों के पास बड़े डपिंग जोन बनाकर पक्के सुरक्षा उपायों के साथ बहुउद्देशीय मैदान विकसित किए जाएं। डपिंग जोनों से बने मैदान स्थानीय उपयोग के साथ पर्यटन की दृष्टि से पार्कों के रूप में विकसित हो सकते हैं किन्तु ठेकेदार कम्पनियों की मनमानी, कार्यदायी संस्था बीआरओ की अदूरदर्शिता एवं राज्य प्रशासन की संवेदनहीनता के कारण जन भावना को अनदेखा कर मनमानी से डपिंग जोन बनाकर हरे भरे पेड़ो को मलवे मे दफना कर महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट पर एनजीटी को नजरें टेढी करने का मौका दिया जा रहा है।

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ऐसा ही कण्डीसौड़ जसपुर के बीच एक तरफ से डपिंग जोन भरकर बिना सुरक्षा दीवार के गधेरा बंद कर दिया गया है।पेड़ दब कर टेढे हो गया है।लगातार मलवा डंप किया जा रहा है।जबकि स्थानीय लोग कटिंग कार्य प्रारम्भ होने से पूर्व ही लगातार किमी० 117 में सूखे रिखेड़ी खाला में सुरक्षित पक्के नाले के साथ बड़ा डपिंग जोन बनाकर बहुउद्देशीय मैदान बनाने की मांग कर रहे हैं।किन्तु शासन प्रशासन से लेकर निर्माणदायी संस्था तक ने अभी तक जनभावना के अनुरूप कार्य नहीं किया।

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