एक तरफ मसूद की ढाल चीन,दूसरी तरफ उइगर मुस्लिमों पर अत्याचार , जानिए अमेरिका ने कैसे घेरा

नई दिल्ली : मुसलमानों को लेकर अमेरिका ने चीन को आईना दिखाया है। जहां अमेरिका का कहना है कि चीन का मुसलमानों पर दोगला रवैया है। वहीं चीन एक तरफ तो यूनाइटेड नेशंस (यूएन) में आतंकी संगठनों पर बैन को रोकता है तो वहीं अपनी जमीन पर 10 लाख से ज्यादा मुसलमानों पर अत्याचार करता है। जहां उसने उइगर और कजाक मुसलमानों को हिरासत में ले रखा है। लेकिन बुधवार को अमेरिका के विदेश मंत्री माइक पॉम्पियो ने बड़ी बात कहीं हैं।

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बता दें की अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पॉम्पियो ने कहा हैं की दुनिया मुसलमानों के प्रति चीन के शर्मनाक पाखंड को बर्दाश्त नहीं कर सकती. एक तरफ, चीन अपनी जमीन पर 10 लाख से अधिक मुसलमानों पर अत्याचार करता है लेकिन, दूसरी ओर यह संयुक्त राष्ट्र के प्रतिबंधों से हिंसक इस्लामी आतंकवादी संगठनों की रक्षा करता है।

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अल्पसंख्यक मुसलमानों के मुद्दे पर चीन को घेरते हुए माइक पॉम्पियो ने कहा, चीन ने अप्रैल 2017 से शिनजियांग प्रांत में 10 लाख से अधिक उइगरों, कजाकों और अन्य मुस्लिम अल्पसंख्यकों को नजरबंदी शिविरों में नजरबंद कर रखा है। जहां चीन को हिरासत में लिए गए सभी लोगों को रिहा करना चाहिए और इसके दमन को समाप्त करना चाहिए।

मसूद अजहर पर US ने चीन को घेरा –

दरअसल भारत में उरी, पठानकोट और पुलवामा हमले के गुनहगार आतंकी मसूद अजहर पर बैन में अड़ंगे पर भी अमेरिका ने चीन को घेरा ह। जहां अमेरिका, ब्रिटेन और फ्रांस ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) में पाकिस्तान के आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के सरगना मसूद अजहर को ब्लैक लिस्ट करने के लिए बुधवार को एक कदम आगे बढ़ाया हैं।

लेकिन अमेरिका ने मसूद अजहर को अंतरराष्ट्रीय आतंकी घोषित कराने के लिए ब्रिटिश और फ्रांस के सहयोग से एक प्रस्ताव तैयार किया है, जिसे 15 सदस्यीय परिषद को भेजेगा। वहीं देखा जाये तो इससे मसूद अजहर के हथियार मिलने, उसकी यात्रा पर रोक और उसकी सम्पत्ति जब्त होगी। लेकिन दो हफ्ते पहले ही चीन ने मसूद अजहर पर बैन पर अड़ंगा लगाया था।

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