एक ऐसा मंदिर जहाँ आज भी पूजा करने आते हैं अश्वथामा, लेकिन देखने में है जान का जोखिम…

आपने गुरु दोर्णाचार्य के पुत्र अश्वथामा के बारे में कई तरह की बातें सुनी होंगी जिनमें ये कहा जाता है कि वो आज भी धरती पर मौजूद हैं और उन्हें आज भी देखा जाता है।

आपको बता दें कि अश्वथामा को युगों-युगों तक धरती पर भटकने का श्राप मिला था जिसके बाद समय-समय पर लोग उन्हें देखने का दावा करते रहते हैं।

एक ऐसा मंदिर जहाँ आज भी पूजा करने आते हैं अश्वथामा

कहा जाता है कि मध्यप्रदेश के एक शिव मंदिर में आज भी अश्वथामा आते हैं और पूजा अर्चना करते हैं।

आपको बता दें कि अश्वथामा महाभारत काल के योद्धा थे और उन्हें कभी भी कोई नहीं हरा पाया लेकिन उनकी एक छोटी की भूल की वजह से एक श्राप मिला था जिसकी वजह से कहा जाता है कि वो आज भी धरती पर भटक रहे हैं।

अपने पिता द्रोणाचार्य की मृत्यु का बदला लेने निकले अश्वत्थामा को उनकी एक चूक भारी पड़ी और भगवान श्रीकृष्ण ने उन्हें युगों-युगों तक भटकने का श्राप दे दिया।

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ऐसा कहा जाता है कि पिछले पांच हजार सालों से अश्वत्थामा की आत्मा भटक रही है।

ऐसा कहा जाता है कि मध्य प्रदेश के बुरहानपुर में स्थित असीरगढ़ किले की शिवमंदिर में प्रतिदिन सबसे पहले पूजा करने आते है। शिवलिंग पर प्रतिदिन सुबह ताजा फूल एवं गुलाल चढ़ा मिलना अपने आप में एक रहस्य है।

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