
नई दिल्ली। उपराष्ट्रपति वैंकया नायडू ने प्रधानमंत्री नरेंद मोदी के पकौड़े वाले बयान पर अपनी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा है कि इतने बड़े देश में एक साथ सब को नौकरी दे पाना संभव नहीं है। नायडू ने एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि हर किसी को रोजगार नहीं दिया जा सकता। कोई भी सरकार यह नहीं कह सकती कि वो सभी को रोजगार देने में सक्षम है।
उन्होंने आगे कहा कि हमें यह समझने की जरुरत है कि शिक्षा का मतलब रोजगार देना नहीं होता, लेकिन इससे खुद में सुधार जरूर दिखता है।
देश में जिस तरह से पकौड़े पर विवाद शुरू हुआ है, उस पर प्रतिक्रिया देते हुए उपराष्ट्रपति ने कहा कि हर किसी के काम करने के अपने तरीके होते है। जिस पर व्यक्ति खुद निर्भर होता है और पकौड़ा बेचना कोई गलत काम नही है, यह भी एक काम है।
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उन्होंने कहा कि इलेक्ट्रीशियन, टेलर और सेनेटरी जैसे हर क्षेत्र में लोगों की भारी कमी है। प्लंबर से लेकर फॉल सीलिंग तक हर क्षेत्र में कुशल मजदूरों की जरूरत है। अगर हम ग्रामीण क्षेत्रों में सुविधाएं मुहैया कराएं तो लोग बाहर नहीं जाएंगे।
अपने संबोधन के दौरान उन्होंने एयरहोस्टेस को नया नाम भी दिया।
उन्होंने एयरहोस्टेस को ‘गगनसखी’ कहा। उन्होंने बताया कि इस शब्द के अनुवाद के लिए उन्हें कोई शब्द नहीं मिला। उपराष्ट्रपति ने आगे कहा कि पैसा बॉथरुम और बेडरुम हर जगह पड़े हुए हैं। अगर ये पैसे बैंक में आ जाएं तो इंटरेस्ट रेट में कमी आएगी।
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उन्होंने कहा कि मोदी सरकार की जन धन योजना का महत्व 8 दिसंबर, 2016 के बाद समझ में तब आया, जब लोगों ने बताया कि उनके नौकर और ड्राइवर के पास भी बैंक खाता है। कुछ लोगों ने सुबह इसकी जमकर आलोचना की लेकिन शाम को वो इसी के साथ काम करते दिखाई दिए।