उन्नाव गैंगरेप केस: दोषी कुलदीप सिंह सेंगर को उम्र कैद, 25 लाख रुपए का जुर्माना

नई दिल्ली: उन्नाव गैंगरेप केस में तीस हजारी कोर्ट ने सोमवार को कुलदीप सिंह सेंगर को दोषी ठहराया था। आज 20 दिसंबर को कुलदीप सिंह सेंगर को अजीवन कारावास की सजा का ऐलान कर दिया गया है। इसी के साथ 25 लाख का जुर्माना भी ठोका गया है। पीड़िता के परिजनों को 10 लाख की सहायता राशि और आवास दिया जाएगा है।

बता दें कि, इससे पहले तीस हजारी कोर्ट में दोषी कुलदीप सेंगर की सजा पर सुनवाई की गई थी। जिस दौरान जांच एजेंसी सीबीआई ने सेंगर को उम्र कैद देने की मांग भी की थी। सीबीआई का कहना था कि, ये मामला केवल रेप का नहीं है, बल्कि इसमें मानसिक उत्पीड़न भी शामिल है। वहीं इससे पहले कोर्ट ने सीबीआई को जांच को लेकर फटकारा था।

बता दें कि कोर्ट ने विधायक कुलदीप सिंह सेंगर को धारा 120 बी (आपराधिक साजिश), 363 (अपहरण), 366 (शादी के लिए मजबूर करने के लिए एक महिला का अपहरण या उत्पीड़न), 376 (बलात्कार और अन्य संबंधित धाराओं) और POCSO के तहत दोषी ठहराया।

ये है आरोप

गौरतलब है कि विधायक कुलदीप सिंह सेंगर पर आरोप है कि उसने 2017 में उन्नाव में एक नाबालिग लड़की को अगवा कर उससे रेप किया। इस मामले में सहआरोपी शशि सिंह पर कथित तौर पर सेंगर की मदद करने का आरोप है। सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर इस केस को लखनऊ से दिल्ली स्थानांतरित किया था। कोर्ट ने इस केस में 5 अगस्त से रोजाना सुनवाई की थी।

पीड़िता के वकील के मुताबिक कोर्ट ने अभियोजन पक्ष के 13 गवाहों और बचाव पक्ष के नौ गवाहों के बयान रिकॉर्ड किए थे। बीजेपी टिकट पर विधायक रहे सेंगर को अगस्त 2019 में पार्टी से निष्कासित कर दिया गया था। पीड़िता का परिवार एम्स के जय प्रकाश नारायण एपेक्स ट्रॉमा सेंटर के हॉस्टल में रह रहा है, जबकि कोर्ट ने दिल्ली महिला आयोग (डीसीडब्ल्यू) को उनके लिए राष्ट्रीय राजधानी में किराए के आवास की व्यवस्था करने को कहा था।

विधायक पर ये भी आरोप

गौरतलब है कि कोर्ट ने आपराधिक षड्यंत्र, अपहरण, रेप और पॉक्सो ऐक्ट की प्रासंगिक धाराओं के भी सेंगर के खिलाफ आरोप तय किए थे। जिला न्यायाधीश धर्मेश शर्मा ने पीड़िता के पिता को 2018 में सशस्त्र अधिनियम के तहत आरोपी बनाने और उन पर हमला करने के मामले में भी सेंगर और अन्य के खिलाफ आरोप तय किए थे।

आपराधिक साजिश रची थी
कोर्ट ने आरोप तय करते समय कहा था कि विधायक सेंगर और उनके सहयोगियों ने उन्नाव गैंगरेप पीड़िता के पिता को चुप कराने के लिए आपराधिक साजिश रची थी ताकि वह शिकायत पर आगे नहीं बढ़ सकें। जिला न्यायाधीश धर्मेश शर्मा ने बलात्कार पीड़िता के पिता की कथित हत्या तथा अवैध हथियार रखने के मामले में कथित तौर पर उन्हें फंसाने से जुड़े दो मामलों को जोड़ दिया।

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सेंगर और नौ अन्य पर आईपीसी की धाराओं 302 (हत्या), 506 (आपराधिक धमकी), 341 (गलत तरह से रोकना), 120बी (आपराधिक षड्यंत्र) और 193 (झूठे साक्ष्य)और शस्त्र अधिनियम की धारा 25 के तहत दंडनीय अपराधों का केस दर्ज हुआ था।

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