लोकसभा चुनाव में उत्तराखंड की इस पार्टी का आज तक नहीं खुल सका खाता, पढ़ें ये खास रिपोर्ट

राज्य के एक मात्र क्षेत्रीय दल उत्तराखंड क्रांति दल (यूकेडी) के साथ जनभावनाएं तो जुड़ी हैं, लेकिन राज्य गठन के बाद हुए लोकसभा चुनाव में यूकेडी कभी खाता नहीं खोल पाई है। इस बार भी पांचों लोकसभा सीटों पर यूकेडी चुनाव लड़ने की तैयारी में जुटी है।
उत्तराखंड

उत्तराखंड आंदोलन में यूकेडी प्रमुख रूप से उभरी थी, लेकिन राज्य बनने के बाद वह एक मजबूत राजनीतिक दल के तौर पर अपनी पहचान नहीं बना पाई। हालांकि हर बार लोकसभा चुनाव में उसके प्रत्याशी मैदान में उतरे, लेकिन उन्हें सफलता नहीं मिली।

यूकेडी इन मुद्दों का लाभ नहीं ले पा रही

चुनाव में पार्टी का प्रदर्शन इस तरह का भी नहीं रहा कि वह भाजपा और कांग्रेस के समीकरणों को प्रभावित कर पाए। ये स्थिति तब है जबकि भावनात्मक तौर पर उसके साथ लोग जुड़े हैं। गैरसैंण राजधानी, स्थानीय लोगों को रोजगार, हक हकूक जैसे मुद्दों के आज भी गरम होने के बावजूद यूकेडी इसका लाभ नहीं ले पा रही है। हालांकि यूकेडी के नेताओं का कहना है कि उसके प्रति मतदाताओं का दृष्टिकोण तेजी से सकारात्मक हो रहा है।

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केंद्रीय कार्यकारिणी बैठक में तय होगा घोषणा पत्र
लोकसभा चुनाव के लिए यूकेडी की केंद्रीय कार्यकारिणी की बैठक 14 व 15 मार्च को होगी। यूकेडी के कार्यकारी अध्यक्ष पंकज व्यास ने बताया कि बैठक में चुनाव घोषणा पत्र और रणनीति तय की जाएगी। वहीं, पांचों लोकसभा सीटों के लिए उम्मीदवारों के टिकट का फैसला भी हो सकता है।

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