इन राज्यों में साफ दिखा कांग्रेस का डर, बीजेपी ने उठाया ये बड़ा कदम

नई दिल्ली। विधान सभा चुनाव में शपथ ग्रहण के तुरंत बाद ही दोनों राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने कर्जमाफी ऐलान किया था। कांग्रेस के इस कदम से किसानों को राहत मिलने की उम्मीद है। वहीं अब कांग्रेस सरकार की तेज तर्रार वादापूर्ति को देखते हुए बीजेपी खेमे में भी हलचल दिख रही है। यही वजह है कि बीजेपी शासित राज्य असम और गुजरात में कर्जमाफी जैसे ऐलान देखने को मिल रहे हैं।

दरअसल, असम की बीजेपी सरकार ने किसानों का कर्ज माफ करने का ऐलान कर दिया है। वहीं गुजरात की रूपाणी सरकार ने बिजली बिल माफ करने का कदम उठाया है। इन दोनों राज्यों के अचानक इस तरह के ऐलान को कांग्रेस के ऐलान का असर माना जा रहा है।

गुजरात सरकार का ऐलान

गुजरात की विजय रूपाणी सरकार ने मंगलावर को रिहायशी, कॉमर्शियल और कृषि क्षेत्र के 625 करोड़ रुपये के विद्युत संबंधी कर्ज माफ करने की घोषणा की है।

राज्य के विद्युत मंत्री सौरभ पटेल ने कहा कि 19 दिसंबर से तत्काल प्रभाव से ऐसे बिजली कनेक्शन से सभी बकाया राशि को माफ करने का फैसला किया है। प्रदेश में रिहायशी, कॉमर्शियल और कृषि क्षेत्र के बिजली कनेक्शन 6.22 लाख से अधिक उपभोक्ता हैं। इन कनेक्शनों की कुल बकाया राशि करीब 625 करोड़ रुपये है। उपभोक्ता 500 रुपये का भुगतान करके एक बार निपटारे का लाभ उठा सकेंगे। यह छूट 19 दिसंबर, 2018 से 28 फरवरी, 2019 तक उपलब्ध होगी।

असम में कर्जमाफी का ऐलान

उधर, सोमवार को असम की बीजेपी सरकार ने भी किसानों के कर्जमाफी का ऐलान किया है। मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल की अगुवाई वाली असम सरकार ने किसानों के कर्ज का 25 प्रतिशत (अधिकतम 25 हजार रुपये) माफ करने का फैसला किया है। सरकार उन किसानों का कर्ज माफ कर रही है, जिन्होंने पीएसयू बैंकों और किसान क्रेडिट कार्ड के माध्यम से लोन लिया है। इस कर्जमाफी का फायदा राज्य के लगभग 8 लाख किसानों को मिल सकता है।

कैबिनेट मीटिंग के दौरान असम सरकार ने 25 हजार तक कर्जमाफी के अलावा ब्याज राहत योजना को भी मंजूरी दी है। प्रदेश के 19 लाख किसान अगले साल से जीरो ब्याज दर पर लोन ले सकेंगे।

एमपी और छत्तीसगढ़ की कांग्रेस सरकारें कर चुकीं कर्जमाफी का ऐलान

मालूम हो कि कांग्रेस ने विधानसभा चुनाव के दौरान किसानों की कर्जमाफी करने का वादा किया था। जिसे मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में सरकार बनते ही दोनों राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने पूरा करने का फैसला किया है।

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मध्य प्रदेश में शपत लेने के तुरंत बाद सीएम कमलनाथ ने सरकारी और सहकारी बैंकों से किसानों द्वारा लिए गए 2 लाख रुपए तक के अल्पकालीन फसल लोन को माफ करने का ऐलान किया।

वहीं छत्तीसगढ़ में भूपेश बघेल ने मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के फौरन बाद कैबिनेट की बैठक में सबसे पहले किसानों का कर्ज माफ करने का ऐलान किया। सरकार के इस कदम से सूबे के किसानों का 6100 करोड़ रुपए का कर्ज माफ किया गया है।

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