इन दो निशानो से पल भर में गायब हो जायेगा आपके घर का वास्तु दोष

अच्छा और बुरा सोचने और समझने के लिए इंसान के पास कई तरके होते है और कई किताबो में भी लिखा होता है।वैसे पुराणों और शास्त्रों में हमें अच्छी और बुरी ऊर्जा के प्रभाव और सकारात्मक शक्ति के महत्व के बारे में बखूबी बताता जाता है। घर में अगर सकारात्मक शक्ति का वास हो तो खुशहाली आती है और उस घर में रहने वाले लोगों के जीवन में भी सुख-समृद्धि का वास होता है।

 

नकारात्मक ऊर्जा घर में वास्तु दोष को जन्म देती है, जिसकी उपस्थिति का अनुमान हर किसी को नहीं होता।

नकारात्मक ऊर्जा का पता लगाने का एक बहुत ही आसान सा तरीका वास्तु में बताया गया है। इसके  अनुसार अगर आप किसी नए घर में या अनजान घर में नवजात शिशु को लेकर जाएं और वह बच्चा घर के मुख्य द्वार से अंदर जाते ही रोने लगता है, तो समझ जाएं कि घर पर वास्तु दोष का साया है।

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घर पर वास्तु दोष का साया होना यह दर्शाता है कि उस घर में रहने वाले सदस्य निराशा और दुःख से जकड़े हुए हैं। ऐसे में उन लोगों को तमाम तरह की बीमारियां भी लगी रहती हैं।

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इस समस्या से निजात पाने का आसान सा तरीका भी वास्तु में बताया गया है। यह उपाय घर के मुख्य द्वार से ही जुड़ा है।

वास्तु की मानें तो किसी भी घर का मुख्य द्वार उस घर की स्तिथि बनाने या बिगड़ने में बहुत महत्वपूर्ण होता है। इस द्वार की दिशा और रंग का खास ख्याल रखना चाहिए क्योंकि इसी दिशा से घर में अच्छी या बुरी ऊर्जा का प्रवेश होता है इसलिए ख्याल रहे कि यह दरवाज़ा सही दिशा में बना हो ताकि घर में खुशियां ही आ सकें।

घर के मुख्य द्वार पर शुभ चिह्न अंकित करना चाहिए, इससे सुख-समृद्धि बनी रहती है ऐसा हमारे शास्त्रों में वर्णन है। अगर आपको लगे कि घर या ऑफिस में किसी प्रकार का कोई वास्तु दोष है तो प्रवेश द्वार पर दोनों तरफ ॐ या स्वास्तिक का चिह्न बनाएं। वैसे तो यह चिह्न सिंदूर के प्रयोग से बनाना चाहिए लेकिन अगर सिंदूर ना हो तो आप बाजार से ॐ या स्वास्तिक चिह्न के स्टीकर लाकर भी चिपका सकते हैं।

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स्वास्तिक को भारत में ही नहीं, अपितु विश्व के अन्य कई देशों में विभिन्न स्वरूपों में मान्यता प्राप्त है। इन दो चिह्नों को वास्तु विज्ञान के अनुसार पवित्र माना गया है। इनकी उपस्थिति में नकारात्मक ऊर्जा पास नहीं आती और दूर से ही अपना रास्ता बदल लेती है।

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इसके अलावा एक और बात का ध्यन रखें, जब भी घर का प्रवेश द्वार बनवाएं तो वह अंदर की ओर ही खुलना चाहिए। बाहर की ओर खुलने वाला दरवाजा वास्तु के अनुसार खुलते ही अपने साथ खुशियों को बाहर ले जाता है।

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अगर इन बातों का ख्याल रखा जाए तो वास्तु दोष से आसानी से निजात पाई जा सकती है।

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