आस्था के नाम पर इस मंदिर में बंदरों के साथ होता है घिनौना काम, जानकर आपको भी आएगी शर्म…

मान्यता यह है कि भगवान शिव को मदिरा पसंद थी, भारत में ऐसे कई मंदिर हैं जहां शिव जी की प्रतिमा को शराब चढ़ाई जाती है। भगवान के प्रति श्रद्धा दिखाना गलत नहीं है लेकिन हमें कभी ऐसी आस्था नहीं दिखानी चाहिए जिससे हमारे आसपास का वातावरण दूषित हो और लोगों को दिक्कत।

जानकारी के लिए बता दें कि यहां लोगों से मतलब सिर्फ इंसानों से नहीं है बल्कि जानवरों से भी है। आज हम आपको एक ऐसे मंदिर के बारे में बताने जा रहे हैं, जहां अंधविश्वास के कारण मंदिर की पवित्रता तो अपना वजूद खो ही रही है वहीं भक्त भी आस्था के नाम पर भगवान का अपमान करने में जुटे हैं।

 मंदिर में बंदरों के साथ

आपको शायद पता न हो लेकिन एक मंदिर है जहां ऐसा सब होता है जिसे जानकर आपको मानवता से घिन सी आने लगेगी।

बता दें कि, सीतापुर जनपद के पिसावा क्षेत्र इस मंदिर में भक्त प्रसाद के रूप में ने सिर्फ शराब चढ़ाते हैं और यहां भगवान को शराब चढ़ाने के बाद उसका सेवन खुद करने के साथ-साथ वह मौजूद सैकड़ो बंदरो को भी इसका सेवन कराते हैं।

यह कहना गलत नहीं होगा कि, इस तरह की हरकत करके मंदिर को मैखाने में तब्दील किया जा रहा है। आपको बता दें कि, इस मंदिर का नाम खबीश नाथ है। इस मंदिर में आने वाले भक्त शिवलिंग के पास शराब की बोतल और गिलास रखकर जाते हैं।

मंदिर में प्लास्टिक और मिट्टी के गिलास रखे जाते हैं। मंदिर में कोई दरवाजा या खड़की नहीं है, जिसके कारण बंदर यहां आसानी से अंदर आ जाते हैं।

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यहां आने वाले भक्तों की मान्यता है कि ऐसा करने से बाबा खबीश नाथ जी सभी मनोकामना पूरी करते हैं।

बता दें कि, बंदरों का इस तरह मदिरापान करना किसी खतरे को दावत देने जैसा है।

ऐसा बहुत बार हुआ है कि, नशे में बंदर यहां के स्थानीय लोगों को परेशान करते हैं। अब सवाल यह उठता है कि, आस्था के नाम पर जानवरों के साथ हो रही यह हरकत प्रकृति के साथ अत्याचार नहीं तो और क्या है?

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