
REPORT-LOKESH TRIPATHI
अमेठी। उत्तर प्रदेश सरकार ने फरमान जारी करके सभी आवारा पशुओं को गौ संरक्षण केंद्र भेजने का निर्देश तो दे दिया किंतु उनकी मुकम्मल व्यवस्था ना हो होने के चलते लगातार यह आवारा पशु गौशाला में दम तोड़ते नजर आ रहे हैं इनको ना तो ढंग से चारा मिल पा रहा है ना ही पानी जी हां हम बात कर रहे हैं ।
अमेठी जनपद के ग्राम सभा महमूदपुर के गांव बालीपुर मे बने गौ संरक्षण केंद्र की जहां पर हमारे संवाददाता ने पहुंचकर वस्तुस्थिति का जायजा लिया वहां पर यह पाया गया की सबसे पहले तो बाहर ही बोर्ड लगा है यहां पर मानक तथा क्षमता के अनुसार पशु प्राप्त हो चुके हैं अतः और पशुओं को नहीं लिया जा सकता है।
दूसरी बात यह है कि यह पूरा गौ संरक्षण केंद्र लगभग 2 फीट पानी से भरा हुआ है जिसमें बाहर गेट से अंदर प्रवेश करने के लिए बड़ी मशक्कत करनी पड़ती है इस गौ संरक्षण केंद्र में बाउंड्री भी नहीं बनी हुई है ऐसे में सारे पशुओं को रस्सी में जकड़ कर रखा जाता है ।यहां के संचालक ने बताया की लगातार यहां पर पशु दम तोड़ हैं यहां पर कोई भी अधिकारी देखने नहीं आता है कभी कबार सिर्फ जानवरों के डॉक्टर आते हैं ।
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जानवरों की स्थिति देखते हुए वह कहते हैं किन को पौष्टिक आहार दीजिए किंतु यहां पर सिर्फ और सिर्फ भूसा है वह भी 2 दिन में खत्म हो जाएगा इसके बाद जानवरों के खाने के लिए कुछ भी नहीं है कोई व्यवस्था यहां तक नहीं पहुंच पा रही है यहां पर 53 जानवर मौजूद हैं जबकि एक जानवर को प्रतिदिन ₹30 उनकी राशन के लिए सरकार देती है इस हिसाब से प्रतिदिन कम से कम 15 सो रुपए होता है और महीने के ₹45000 यह गौशाला केंद्र पिछले 5 महीनों से चल रहा है ऐसे में अभी तक इसको सवा दो लाख रुपए के सापेक्ष सिर्फ ₹40000 प्राप्त हुए हैं ।
बाकी पैसे कहां गए हैं यह किसी को पता नहीं है इस 40000 में कैसे इनको खिलाया जाएगा यहां पर तेजतर्रार कहे जाने वाले जिलाधिकारी प्रशांत शर्मा अभी जब से जिले में चार्ज दिए हैं तब से अभी तक यहां पर देखने भी नहीं गए हैं पिछले दिनों यहां पर लगभग 6 पशुओं की मृत्यु हो चुकी है और वर्तमान में 9 पशु बैठ गए हैं जो उठा ही नहीं रहे हैं उनकी स्थिति बहुत ही खराब है।
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वह कभी भी मर सकते हैं ऐसे में शासन प्रशासन और अधिकारी का कोई ध्यान इधर नहीं है किसके साथ गौ संरक्षण केंद्र के चौकीदार श्रीपाल शुक्ला ने बताया की 2 दिन में भूसा खत्म होने वाला है और अब तो जानवर बिना चारे पानी की ही यहां मरेंगे इसलिए हम सबको यहां से खोल कर भगा देंगे हम पाप नहीं लेंगे और हम भी 1 तारीख को यहां से इस्तीफा देकर चले जाएंगे क्योंकि यह हमसे देखा नहीं जा रहा है और इसके पाप के भागीदार हम नहीं बनेंगे पिछले 5 महीनों में चौकीदार को भी सिर्फ 1 महीने का वेतन मिल पाया है उसको भी पैसा नहीं मिल रहा है कुल मिलाकर सरकार के मंसूबों पर अमेठी प्रशासन पलीता लगाता हुआ दिखाई पड़ रहा है।