‘आवारा कुत्ते और महागठबंधन नेताओं का प्रवेश वर्जित’, बिहार में टीचर का अनोखा विरोध
बिहार में नियोजित शिक्षकों का आक्रोश सरकार के खिलाफ बढ़ता जा रहा है। धरना प्रदर्शन के बाद शिक्षकों ने अब सरकार के खिलाफ पोस्टर लगाकर विरोध जताया है। बिहार के बेतिया में शिक्षकों ने अपने घर पर एक पोस्टर लगाया है, जिसमें लिखा हुआ है- ‘सावधान यह नियोजित शिक्षक का घर है, यहां आवारा कुत्ते और महागठबंधन के धोखेबाज नेताओं का प्रवेश वर्जित है। धृष्टता करने पर दुर्गति संभावित है।
दरअसल शिक्षकों का आरोप है कि 11 जुलाई को पटना के गर्दनीबाग मे होनेवाले शिक्षकों के प्रदर्शन के बाद भी सरकार की तरफ से कोई पहल नहीं हुआ है। सरकार ने वार्ता का आश्वासन दिया था लेकिन अब वह शिक्षक नेताओं के खिलाफ कार्रवाई कर रही है। इससे नियोजित शिक्षको का आक्रोश बढ़ रहा है। इसके खिलाफ परिवर्तनकारी प्रारंभिक शिक्षक संघ ने अब पोस्टर वॉर की शुरुआत की है। परिवर्तनकारी प्रारंभिक शिक्षक संघ के जिलाध्यक्ष नंदन कुमार ने कहा कि सरकार हमारे प्रतिनिधियों से बात करने के बजाय लगातर शिक्षकों पर करवाई कर रही है। उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव अपने प्रण पत्र की बातों को भूल गए हैं और चाचा की राहों पर चलकर उनकी तरह ही पलटीमार हो गए है इसलिए अब शिक्षकों ने महागठबंधन सरकार को वोट की भाषा में समझाने के लिए उनके विरोध मे अपने घरों पर एक पोस्टर लगाया है। वहीं नंदन कुमार ने कहा कि हमारी एकमात्र मांग है राजकर्मी का दर्जा इस मांग को लेकर सरकार के सामने अपनी बातों को धरना प्रदर्शन के जरिए उठाते रहे हैं। 11 जुलाई को भी नियोजित शिक्षकों ने प्रदर्शन किया था। इसके बाद सरकार की तरफ से हमें आश्वासन भी मिला था। उन्होंने कहा था कि 31 जुलाई तक शिक्षक प्रतिनिधियों के साथ वार्ता की जाएगी। लेकिन वार्ता की जगह वह शिक्षक प्रतिनिधियों पर कार्रवाई कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि जब चुनाव आता है तो तेजस्वी यादव वादा करते हैं कि नियोजित शिक्षकों को राज्यकर्मी का दर्जा देंगेसमान काम का समान वेतन देंगेलेकिन सत्ता में आने के बाद वह भी चाचा की राहों पर चलकर पलटूमार हो गए है। इसके बाद उन्होंने पोस्टर वार शुरू किया है…. जिसमें वो अपने आंदोलन को जन आंदोलन बनाएंगे और इसे बहुत आगे लेकर जाएंगे।