
सामान्य वर्ग में आर्थिक रूप से कमजोर लोगों को 10 फीसदी आरक्षण देने के लिए मंगलवार को लोकसभा में संशोधित बिल पास हुआ. लोकसभा चुनाव से ऐन पहले नरेंद्र मोदी सरकार के इस फैसले को मास्टरस्ट्रोक माना जा रहा है. अब केंद्र सरकार के सामने इस बिल को राज्यसभा में पास कराने की चुनौती है. राज्यसभा में एनडीए सरकार के पास बहुमत नहीं है, ऐसे में आज सरकार किस प्रकार इस बिल का पास कराती है ये देखने वाला होगा.
राज्यसभा में कैसे पास होगा बिल?
गौरतलब है कि राज्यसभा में एनडीए सरकार बहुमत से दूर है, हालांकि समाजवादी पार्टी, बहुजन समाज पार्टी समेत अन्य विपक्षी पार्टियों ने लोकसभा में जिस तरह इस बिल का समर्थन किया है. उससे लगता है कि सरकार के लिए ये बिल राज्यसभा में आसानी से पास हो जाएगा. बता दें कि लोकसभा की तरह ही राज्यसभा में भी इस बिल को पास कराने के लिए दो तिहाई से अधिक वोटों की जरूरत होगी.
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क्या कहता है राज्यसभा का समीकरण?
बता दें कि राज्यसभा में एनडीए सरकार के पास बहुमत से काफी कम आंकड़ा है. NDA के पक्ष में सिर्फ 90 सदस्य हैं, जिनमें BJP के 73, निर्दलीय + मनोनीत 7, शिवसेना के 3, अकाली दल के 3, पूर्वोत्तर की पार्टियों की तीन (बोडोलैंड पीपल्स फ्रंट+सिक्किम डेमोक्रेटिक फ्रंट+नागा पीपल्स फ्रंट) और आरपीआई के 1 सांसद हैं.
जबकि विपक्ष के पास 145 सांसद हैं, जिसमें कांग्रेस के 50, TMC के 13, समाजवादी पार्टी के 13, AIADMK के 13, BJD के 9, TDP के 6, RJD के 5, CPM के 5, DMK के 4, BSP के 4, NCP के 4, आम आदमी पार्टी के 3, CPI के 2, JDS के 1, केरल कांग्रेस (मनी) के 1, आईएनएलडी के 1, आईयूएमएल के 1, 1 निर्दलीय और 1 नामित सदस्य शामिल हैं.
लोकसभा में लंबी बहस के बाद पास हुआ बिल
मंगलवार को लोकसभा में 5 घंटे से भी अधिक की बहस के बाद लोकसभा में संविधान संशोधन बिल पास हुआ. बहस में वित्त मंत्री अरुण जेटली, AIMIM असदुद्दीन ओवैसी, AIDMK के एम. थंबीदुरई समेत कई बड़े नेताओं ने हिस्सा लिया. बहस के बाद हुई वोटिंग में कुल 326 सांसदों ने हिस्सा लिया, इसमें 323 सांसदों ने बिल के पक्ष में और 3 लोगों ने विपक्ष में वोट दिया.
आज का राशिफल, 09 जनवरी 2019, दिन- बुधवार
क्या है मोदी सरकार का फैसला?
आपको बता दें कि नरेंद्र मोदी कैबिनेट ने सोमवार को ही सामान्य वर्ग में आर्थिक रूप से कमजोर लोगों को 10 फीसदी आरक्षण देने का फैसला किया. इसके तहत जिन लोगों को अभी तक आरक्षण का लाभ नहीं मिलता था अर्थात जो अनारक्षित श्रेणी में आते थे उन लोगों को इस फैसले का सीधा लाभ मिलेगा. ये लाभ सरकारी नौकरी और शैक्षणिक क्षेत्र में मिलेगा.