आज यानी 6 अगस्त से सुप्रीम कोर्ट नियमित रूप से अयोध्या मामले पर सुनवाई करेगा. इससे इस मामले के फैसले में तेजी आएगी. अब हर किसी को इस मामले के फैसले का बेसब्री से इन्तजार है. इस मामले की सुनवाई के लिए चीफ जस्टिस रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पीठ कर रही है. इस पीठ में पांच अन्य जज भी शामिल हैं. आरएसएस विचारक गोविंदाचार्य ने इस मामले की सुनवाई के लिए लाइव स्ट्रीमिंग की गुहार लगाई थी, जिसे कोर्ट ने नामंजूर कर दिया.

गोविंदाचार्य की ओर से वरिष्ठ वकील विकास सिंह ने सोमवार को जस्टिस एसए बोबडे की अध्यक्षता वाली पीठ के समक्ष इस मामले का उल्लेख करते हुए जल्द सुनवाई की मांग की। उन्होंने कहा कि सुनवाई की लाइव स्ट्रीमिंग की जाए। इस पर पीठ ने कहा कि हमें नहीं पता कि लाइव स्ट्रीमिंग के लिए हमारे पास साधन उपलब्ध हैं या नहीं।
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पीठ ने इस पर तत्काल सुनवाई से इनकार करते हुए कहा कि इसके लिए संस्थागत फैसले की दरकार है। न्यायिक स्तर से इसका फैसला नहीं लिया जा सकता। इस पर विकास सिंह ने कहा कि जब तक इस पर निर्णय नहीं ले लिया जाता तब तक रिकॉर्डिंग की व्यवस्था की जाए। लेकिन पीठ ने कहा कि इस तरह का आदेश प्रशासनिक स्तर पर लिया जा सकता है।
गोविंदाचार्य ने अपनी याचिका में कहा है अयोध्या मामला करोड़ों लोगों के हितों से जुड़ा मामला है, जो इस मामले में जल्द से जल्द न्याय मिलने की आस लगाए हुए हैं। यह राष्ट्रीय महत्व का मसला है। ऐसे में सुनवाई की लाइव स्ट्रीमिंग की जाए। मालूम हो कि अयोध्या विवाद में मध्यस्थता प्रक्रिया बेनतीजा रहने पर शुक्रवार को चीफ जस्टिस रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पांच सदस्यीय पीठ ने छह अगस्त से इस मामले की नियमित सुनवाई करने का निर्णय लिया है।