आगामी लोकसभा चुनाव के लिए बनाएं जा रही थी अवैध शराब और हथियार, 2 आरोपी गिरफ्तार
मेरठ का खादर क्षेत्र अभी तक अवैध शराब का कारोबार ही पुलिस की नजर में था, लेकिन पुलिस ने पहली बार यहां से अवैध हथियारों का जखीरा बरामद किया है।
क्षेत्र में लोकसभा चुनाव के लिए ऑन डिमांड तमंचे और देसी बंदूक बनाई जा रहीं थीं। पुलिस ने दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है, जबकि दो युवक फरार हैं।
यह गिरोह पिछले एक साल में करीब 500 तमंचे सप्लाई कर चुका है।
मंगलवार को पुलिस लाइन में एसपी सिटी रणविजय सिंह ने बताया कि सोमवार शाम को जलालापुर- नीमका रोड पर सीओ मवाना पंकज सिंह और एसओ हस्तिनापुर वाहनों की चेकिंग कर रहे थे।
इसी बीच पुलिस को मुखबिर से सूचना मिली कि दो वांछित युवक तंमचे लेकर आ रहे हैं। पुलिस ने घेराबंदी करते हुए युवकों को पकड़ने का प्रयास किया तो एक युवक ने पुलिस पर तंमचे से फायर झोंक दिया।
पुलिस ने दोनों युवकों को दबोच लिया। दोनों के पास से दो तमंचे और कारतूस बरामद हुए हैं।
झोपड़ी में बना रहे थे तमंचे
एसपी सिटी ने बताया कि पकड़े गए आरोपी सगीर पुत्र रज्जाक निवासी रामपार्क लोनी जिला गाजियाबाद, हस्मुद्दीन पुत्र शब्बीर निवासी मोहम्मद रफीक नगर जिला हापुड़ हैं।
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पूछताछ में युवकों ने बताया कि वह परीक्षतगढ़ के खादर क्षेत्र में जंगल में हसमत की झोपड़ी में तमंचे बना रहे हैं। पुलिस फोर्स के साथ वहां दबिश दी तो झोपड़ी में अवैध हथियारों का जखीरा मिला।
एसपी सिटी ने बताया कि मौके से पुलिस ने 315 बोर के 53 तमंचे, 12 बोर के चार तमंचे, चार छोटी देशी बंदूक पांच कारतूस, अधबने करीब 50 तमंचे, लोहे की ड्रिल मशीन, हथोेड़े, पेसकस, नाल, भट्टी पंखा और अन्य सामान बरामद किया है।
गिरोह का सरगना सगीर है, जिसके खिलाफ गाजियाबाद, हापुड़ और किठौर में भी एक दर्जन से अधिक मामले दर्ज हैं। सगीर ने पुलिस को बताया कि पहले वह किठौर के जंगल में तमंचे बनाते थे, लेकिन पुलिस ने वहां से उनके तीन साथियों को जेल भेज दिया था।
जिसके बाद वे हस्तिनापुर और परीक्षितगढ़ के खादर में तमंचे बनाने लगे। एक साल में करीब पांच सौ तमंचे बनाकर सप्लाई कर चुके हैं।
मेरठ के अलावा मुजफ्फरनगर, शामली, सहारनपुर, बिजनौर, बुलंदशहर और बागपत में ऑन डिमांड पहुंचाते थे।
गिरोह में सुक्की उर्फ सुखवंत पुत्र प्रेम सिंह निवासी मिर्जापुर थाना परीक्षितगढ़, विनोद पुत्र इंद्रपाल निवासी मिर्जापुर हैं।
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दो हजार से पांच हजार में मौत का सामान
सगीर ने बताया कि पांच साल पहले कैराना के आकिल के यहां रहकर उन्होंने तमंचे बनाने सीखे थे।
वे दो हजार से लेकर पांच हजार का तमंचा बनाकर बेचते हैं। जो दोनों युवक फरार हैं उनमें सुक्की और विनोद दूसरे जिलों में तमंचे सप्लाई करते थे।
वेस्ट यूपी तक फैला है जाल
सीओ पंकज सिंह ने बताया कि इस गिरोह का जाल वेस्ट यूपी के कई जिलों में फैला है। पूछताछ में दोनों आरोपियों ने बताया कि चुनाव में तमंचों की डिमांड बढ़ जाती है।
दो साल पहले हुए विधानसभा चुनाव में भी उन्होंने तमंचे सप्लाई किए थे। आरोपियों का कहना है वह फोन पर संपर्क नहीं करते थे। दूसरे जिलों में एक साथ दस तमंचे मंगवाने पर एजेंट को दो हजार रुपये देते थे।