चीन को मुहतोड़ जवाब देने समुद्र में उतरी आईएनएस कलवरी

आईएनएस कलवरीनई दिल्ली। भारत की समुद्री सीमा में चीन और पाकिस्तान की घुसपैठ को मुहतोड़ जवाब देने के लिए भारतीय नौसेना की पनडुब्बी आईएनएस कलवरी  का गुरुवार को जलावतरण किया गया. इसके समुद्र में उतरते ही भारत का 17 सालों का इंतज़ार ख़त्म हो गया. इस दौरान पीएम नरेंद्र मोदी  भी मौजूद रहे.

उन्होंने इसे राष्ट्र को समर्पित करते हुए कहा कि ये भारत की सामुद्रिक मजबूती की ओर ठोस कदम है.

दरअसल, समुद्री सीमा में भारत चीन को जवाब देने के लिए इस दिशा में पिछले 17 सालों से प्रयास कर रहा था

बता दें कि 1,564 टन के इस सबमरीन प्रॉजेक्ट-75 के अंतर्गत बनाया गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इसके उद्घाटन के लिए गुरुवार को सुबह 11 बजे मुंबई पहुंचेंगे। उनके साथ रक्षा मंत्री निर्मला सीतरमण भी मौजूद रहेंगे।

गुजरात चुनाव : दूसरे व अंतिम चरण का मतदान जारी, 93 सीटों पर 851 उम्मीदवार आजमा रहे किस्मत

आईएनएस कलवरी

भारतीय नौसेना के लिए मझागांव डॉक शिपबिल्डर्स लिमिटेड ने बनाया गया आईएनएस कलवरी एक डीजल-इलेक्ट्रिक युद्धक पनडुब्बी है। स्कॉर्पिन श्रेणी की उन 6 पनडुब्बियों में से पहली पनडुब्बी है, जिसे भारतीय नौसेना में शामिल किया जाना है। यह मेक इन इंडिया पहल की कामयाबी को दर्शाता है। इस परियोजना को फ्रांस के सहयोग से चलाया जा रहा है।

ट्रेन में TTE व RPF को ढूंढ़ना हुआ आसान, कोच नंबर के हिसाब से निर्धारित हुई सीट

आधुनिक फीचर्स से लैस यह पनडुब्बी दुश्मन की नजरों से बचकर सटीक निशाना लगा सकती है। ये टॉरपीडो और ऐंटी शिप मिसाइलों से हमले कर सकती है। इसका प्राथमिक काम दुश्मन के व्यापार और उर्जा मार्गों पर नजर रखना, अपने क्षेत्र को ब्लॉक करना और युद्धक उपकरणों की रक्षा करना है। जरूरत पड़ने पर दूर तक मार कर सकने की क्षमता के कारण दुश्मन पर अटैक भी इन पनडुब्बी के जरिए किया जा सकता है।

LIVE TV