
रिपोर्ट – अमर सदाना।
अम्बिकापुर । अम्बिकापुर से झारखंड जाने वाले मुख्य मार्ग से लगे तकिया रोड इलाके के दो मकान मे चोरी की घटना हुई है. जिन दो घरो मे चोरी की वारदात हुई है उनमे एक मकान एसपी आफिस के विशेष शाखा मे पदस्थ आरक्षक इमरान गालिब का है तो दूसरा मकान शिक्षक का है.
दरअसल, दोनों घर के लोग त्यौहार की छुट्टी मे बाहर घर गए हुए थे. और जब आज त्यौहार मना कर घर लौटे तो दोनो घर के ताले टूटे मिले और घर के अंदर का सामान बिखरा पडा मिला. जिसके बाद पीडित दोनो परिवार के लोगो का मानना है कि उनके घर मे करीब 4 लाख रूपए की चोरी हुई है.
लेकिन हैरानी की बात है कि जिस पुलिस के आरक्षक के घर चोरी हुई है. उसका अपने ही विभाग के लोगों पर आरोप है कि इससे पहले भी उसके घर मे चार लाख की चोरी हो चुकी है. लेकिन कोतवाली थाना के लोगों ने कोई कार्रवाई करने के बजाय ये कह कर अपना पलडा छाड़ लिया था कि भगवान चाहेगा तो सब मिल जाएगा.
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शहर के जिस स्थान पर चोरी की ये वारदात हुई है. वहां से चंद दूरी पर शहर के दो निजी अस्पताल , फारेस्ट कॉलोनी, और रिहायसी इलाका है. लेकिन उसके बाद भी चोरों के हौसला देखकर ये लगता है कि चोरो और अपराधियों पर पुलिस की पकड ढीली पडती जा रही है.
वही एक साथ आजू बाजू के दो घऱ मे चोरी की वारदात के बाद मौके पर पहुंचे कोतवाली थानेदार दिलबाग सिंह की माने तो दो घरों के ताले टूटे हैं. लेकिन अभी चोरी का आकलन नहीं हो पाया है. इतना ही नहीं इंस्पेक्टर साहब ने अपनी साख बचाने के लिए चोरी का वारदात को छोटा बताने का प्रयास भी किया है.
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चोरी छोटी हो या बडी चोरी तो चोरी होती है. फिर चाहे ताला टूटा हो या फिर ताला तोड़कर चोर पिकनिक मनाने आए हो. लेकिन साहब को अपनी गश्ती वाले मामले को भी तो ढांकना है. तो भला वो चोरी को छोटी चोरी क्यों ना कहें. बहरहाल चोरी की इस वारदात के बाद पुलिस जांच विवेचना की बात कह रही है. तो वहीं पीडित परिवार दूसरी बार चोरी की वारदात का शिकार हुआ है. ऐसे मे पुलिस कार्यप्रणाली औऱ उसकी गश्ती पर सवाल उठना भी लाजमी हैं.