अरब में ड्रोन हमले के बाद अमेरिका के निशाने पर ईरान, सेना की तैनाती को दी मंजूरी

अरब में ड्रोन हमले का तेल ठिकानों को तबाह करने के बाद अमेरिका एक्शन में है. अमेरिका का पूरा निशाना ईरान पर है. ईरान को लेकर अमेरिका ने कड़े प्रतिबंध लगा दिए हैं अब उस इलाके में भी सेना की तैनाती को भी मंजूरी दे दी गई है.

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पेंटागन से मिली जानकारी के अनुसार अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अमेरिकी सेना की तैनाती को मंजूरी दे दी है. पेंटागन ने स्पष्ट किया कि सेना की तैनाती रक्षात्मक रूप से की जा रही है और यह मुख्य रूप से वायु और मिसाइल रक्षा पर केंद्रित है.

वहीं, राष्ट्रपति ट्रंप ने ईरान पर नए प्रतिबंधों की घोषणा की. राष्ट्रपति ने ईरान के राष्ट्रीय बैंक, ईरान सेंट्रल बैंक को प्रतिबंधित करने की घोषणा की. उन्होंने कहा कि यह किसी भी देश पर लगाया गया सबसे कड़ा प्रतिबंध है. अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप शुक्रवार को ओवल कार्यालय में पत्रकारों से बात कर रहे थे.

अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने ईरान के खिलाफ सैन्य कार्रवाई की योजना से इनकार किया और संयम को शक्ति का प्रतीक बताया. उन्होंने कहा कि मैं ईरान में 15 अलग-अलग बड़ी चीजें कर सकता हूं. गौरतलब है कि अमेरिका ने पहले से भी ईरान पर परमाणु कार्यक्रम के आरोपों के कारण कई प्रतिबंध लगा रखे हैं.

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आतंकवाद के कारण लगा प्रतिबंध

ट्रेजरी विभाग के अनुसार ईरान पर यह प्रतिबंध आतंकवाद के कारण लगाया गया है. विभाग ने ईरान पर संयुक्त राष्ट्र संघ द्वारा प्रतिबंधित दो सेनाओं को अरबों डॉलर कर्ज देने का आरोप लगाया.

वित्त मंत्री स्टीवन एमनूचिन ने बयान जारी कर सऊदी अरब पर ईरान के हमले को अस्वीकार्य बताया. एमनूचिन ने कार्रवाई को ईरानी क्षेत्र में टेरर फंडिंग तंत्र को लक्षित कर की गई कार्रवाई बताया और कहा कि ईरान टेरर नेटवर्क का समर्थन करने के लिए इसका उपयोग करता था, जिसमें Qods Force, Hezbollah और अन्य आतंकवादी संगठन शामिल हैं.

गौरतलब है कि पिछले सप्ताह सऊदी अरब के तेल ठिकानों पर हमला हुआ था. अमेरिका ने इसके लिए सीधे तौर पर ईरान को कसूरवार ठहराया था.

 

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