अमेरिका में बदलती सरकार को देख भारत सतर्क, नई सरकार के साथ तालमेल की चल रही तैयारी

अमेरिका में इस बार डोनाल्ड ट्रंप का शासन डूबते हुए दिख रहा है। ऐसा हम नहीं बल्कि मतगणना के आंकड़े बता रहे हैं। डोनाल्ड ट्रंप पर जो बाइडेन इस बार भारी साबित हो रहे हैं। बताया जा रहा है कि इस बार अमेरिका के संभव राष्ट्रपति जो बाइडेन हो सकते हैं। जिसके बाद भारत से लोगों का प्रश्न यह है कि क्या ट्रंप तरह बाइडेन भी मोदी के खास मित्र बन सकते हैं। यदि बाइडेन ने मोदी की मित्रता का प्रस्ताव स्वीकार नही किया तो क्या इसका प्रभाव भारत पर पड़ेगा।

अनुमान लगाया जा रहा है कि मोदी सरकार भी अमेरिका की बदलती सरकार को लेकर चितंन कर रही होगी। जानकारी के मुताबिक मोदी सरकार ने अमेरिका की नई सरकार से अपने संबंध बनाने के लिए प्रयास करने में लग गयी है। सूत्रों के मुताबिक अमेरिका-भारत की मित्रता को बरकरार रखने के लिए अमेरिका में मौजूद भारत के राजदूत तरनजीत सिंह संधू बाइडेन की डेमोक्रेटिक पार्टी के सदस्यों के साथ बैठक कर रहे हैं। जिसमें से कुछ बैठकों के बारे में लोगों से बताया गया वहीं कुछ बैठकों को गुप्त ही रखा गया है।

अमेरिका में सक्रिय हुआ भारतीय दूतावास
भारत अमेरिका के साथ अपनी मित्रता को खोना नही चाहता जिसके कारण अमेरिका में मौजूद भारतीय दूतावास सक्रिय रूप से कार्य करने में लग गया है। बता दें कि भारत की तरफ से जिन लोगों ने ओबामा प्रशासन में अहम भूमिका निभायी थी उन्हीं को इस विषय को लेकर नियुक्त किया गया है। इनमें से एक विवेक एच. मूर्ति हैं और दूसरे हैं राजीव ‘राज’ शाह। जानकारी के मुताबिक एच. मूर्ती ने बाइडेन के चुनाव के दौरान अहम भूमिका निभायी है जिसके कारण संभव है कि उनको नई सरकार में अच्छा पद दिया जा सकता है।

वहीं शाह की भी ओबामा के प्रशासन में काफी मांग थी। जिससे यह उम्मीद है कि शाह बाइडेन के साथ भी भारत के अच्छे रिश्ते बनाने में सफल होंगे। बतादें कि शाह शिक्षा, अनुसंधान और अर्थशास्त्र विभाग के अंडर सेक्रटरी और अमेरिका कृषि विभाग के प्रमुख वैज्ञानिक के तौर पर रह चुके हैं। साथ ही शाह 2015 तक यूएस स्टेट्स एजेंसी फॉर इंटरनैशनल डिवेलपमेंट (USAID) के 16वें प्रशासक का कार्यभार संभाले रखा।

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