अब दिन-रात एक करके अधिकारी करेंगे निरीक्षण

नई दिल्ली। उपराज्यपाल अनिल बैजल ने निर्देश दिया है कि प्रदूषण रोकने के लिए जिम्मेदार अधिकारी रात में भी नियमित तौर पर ऐसी जगहों का निरीक्षण करें, जहां से इसके फैलने की आशंका रहती है। उपराज्याल का मानना है कि इससे वायु प्रदूषण फैलाने वाली गतिविधियों पर सख्ती से रोक लगेगी। उपराज्यपाल शुक्रवार को वायु प्रदूषण और कूड़ा प्रबंधन की समीक्षा बैठक में बोल रहे थे।

प्रदूषण

बैठक में पर्यावरण मंत्री इमरान हुसैन, ईपीसीए चेयरमैन डॉ. भूरेलाल, दिल्ली सरकार, डीपीसीसी, एमसीडी के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे। वायु प्रदूषण व कूड़ा प्रबंधन और गैरअनुमोदित क्षेत्रों (नरेला, बवाना, मुंडका और उनके आसपास के क्षेत्रों) में उद्योग बंद कराने के मसले पर ईपीसीए ने यह बैठक बुलाई थी।

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उपराज्यपाल ने कहा कि वायु प्रदूषण कम करने के लिए नगर निगम, राजस्व विभाग, डीपीसीसी के प्रतिनिधि संयुक्त टीम बनाकर रात में गश्त करें। साथ ही औद्योगिक संस्थानों, व्यापारिक एसोसिएशन व नागरिक समूहों को संवेदनशील बनाया जाए।

बैठक में अधिकारियों ने बताया कि मुंडका और उसके नजदीकी क्षेत्रों से करीब 10,779 मीट्रिक टन ठोस व औद्योगिक कचरे को उत्तरी और दक्षिणी नगर निगम ने हटाया है। इससे करीब 1,014 बीघा जमीन खाली हुई है।

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डीपीसीसी का कहना था कि संबंधित क्षेत्रों में 230 इकाइयों को कारण बताओ नोटिस दिया गया है। वहीं, 1.825 करोड़ का जुर्माना भी लगाया गया है। एमसीडी ने बताया कि पहले चरण में आवासीय और गैर अनुरूप क्षेत्रों में काम करने वाली 21,960 इकाइयों को बंद किया गया है। वहीं, दूसरे चरण में इसकी संख्या 30,000 रही।

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