ओमिक्रॉन के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। देश के अलग-अलग राज्यों में इसके अबतक कुल 236 मामले हैं। ये मामले 16 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों से सामने आए हैं। इनमें से 104 लोग इस बीमारी से रिकवर हो चुके हैं। इसी बीच कोरोना के ही एक वैरिएंट को लेकर सावधानी बरतने की हिदायत दी जा रही है। दरअसल,कोरोना का डबल वैरिएंट सामने आया है, जिसे डेल्मिक्रॉन नाम दिया जा रहा है।

ये नामकरण कोरोना के डेल्टा (Delta Variant) और ओमीक्रॉन वेरिएंट (Omicron Variant) को मिलाकर किया गया है।क्योंकि इस वक्त भारत समेत पूरी दुनिया में कोरोनावायरस (Coronavirus) के दोनों ही वेरिएंट मिल रहे हैं। अभी ओमिक्रॉन के सबसे ज्यादा केस महाराष्ट्र में हैं. इसके बाद दूसरे नंबर पर राजधानी दिल्ली है और तीसरे नंबर पर तेलंगाना, चौथे नंबर पर कर्नाटक और पांचवें पर केरल है। हालांकि, ओमिक्रॉन से लड़ने के लिए केंद्र सरकार ने पूरी तैयारी कर ली है।
बता दें कि एक तरफ जहां दुनियाभर के वैज्ञानिक अभी भी ओमिक्रॉन वैरिएंट की प्रकृति को जानने के लिए लगातार अध्ययन कर रहे हैं, वहीं संयुक्त राज्य अमेरिका और यूरोप में कोरोना के बढ़ते मामलों के लिए डेल्मिक्रॉन को जिम्मेदार माना जा रहा है। महाराष्ट्र कोविड-19 टास्क फोर्स के अधिकारी डॉ शशांक जोशी ने एक रिपोर्ट में बताया, यूरोप और अमेरिका में डेल्टा और ओमिक्रॉन के ट्विन स्पाइक्स से उपजे डेल्मिक्रॉन ने लोगों के लिए मुसीबतें बढ़ा दी हैं। कोरोना के दो अलग-अलग वैरिएंट का संक्रमण गंभीर संमस्याओं का कारण बन सकता है।
इन लोगों में डेल्मिक्रॉन का खतरा अधिक
स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली, बुढ़ापा और कोमोरबिडिटी के शिकार लोगों में डेल्टा और ओमिक्रॉन से एक साथ संक्रमण का जोखिम अधिक हो सकता है। डेल्मिक्रॉन जैसी गंभीर समस्या से बचाव के लिए जल्द से जल्द लोगों को वैक्सीन की दोनों डोज देने और कमजोर प्रतिरक्षा वाले लोगों को बूस्टर खुराक देने की आवश्यकता है।
नोट: यह लेख मेडिकल रिपोर्टस से प्राप्त जानकारियों आधार पर तैयार किया गया है।