हमदाबाद के सरदार वल्लभभाई पटेल अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से लंदन के गैटविक हवाई अड्डे के लिए उड़ान भरने वाली एयर इंडिया की फ्लाइट AI171 (बोइंग 787-8 ड्रीमलाइनर) के दुर्घटनाग्रस्त होने के बाद, 13 जून 2025 को इसका फ्लाइट डेटा रिकॉर्डर (FDR), जिसे आमतौर पर ब्लैक बॉक्स कहा जाता है, बीजे मेडिकल कॉलेज के हॉस्टल की छत से बरामद कर लिया गया।

यह भारत के सबसे घातक विमान हादसों में से एक है, जिसमें 241 यात्रियों और चालक दल के सदस्यों सहित 270 से अधिक लोगों की मौत हो गई। अब सवाल उठता है कि क्या यह ब्लैक बॉक्स हादसे के कारणों का खुलासा कर पाएगा और भारत में इसकी जांच कैसे होगी?
ब्लैक बॉक्स क्या है और यह क्यों महत्वपूर्ण है?
ब्लैक बॉक्स वास्तव में दो उपकरणों का सेट है:
- फ्लाइट डेटा रिकॉर्डर (FDR): यह उड़ान के तकनीकी विवरण जैसे ऊंचाई, गति, इंजन का प्रदर्शन, फ्लैप की स्थिति, और सिस्टम चेतावनियों को रिकॉर्ड करता है। बोइंग 787 जैसे आधुनिक विमान प्रति सेकंड हजारों डेटा पॉइंट्स रिकॉर्ड कर सकते हैं।
- कॉकपिट वॉइस रिकॉर्डर (CVR): यह कॉकपिट में पायलटों की बातचीत, एयर ट्रैफिक कंट्रोल (ATC) के साथ संचार, और इंजन की आवाज या स्टॉल चेतावनियों जैसे अन्य ध्वनियों को रिकॉर्ड करता है।
हादसे के ठीक पहले पायलटों ने मेडे कॉल जारी किया था, लेकिन इसके बाद ATC से कोई जवाब नहीं मिला। ब्लैक बॉक्स इस मेडे कॉल के पीछे के कारण, जैसे इंजन की खराबी, मैकेनिकल फेल्योर, या अन्य आपात स्थिति, को समझने में मदद करेगा। यह हादसे के अंतिम क्षणों का सेकंड-दर-सेकंड पुनर्निर्माण कर सकता है।
ब्लैक बॉक्स की स्थिति और बरामदगी:
- बरामदगी: 13 जून 2025 को, हादसे के 28 घंटे के भीतर, भारत के एयरक्राफ्ट एक्सीडेंट इन्वेस्टिगेशन ब्यूरो (AAIB) ने गुजरात सरकार के 40 कर्मियों की मदद से FDR को बीजे मेडिकल कॉलेज के हॉस्टल की छत से बरामद किया। नागरिक उड्डयन मंत्री राम मोहन नायडू किंजरापु ने इसे जांच में महत्वपूर्ण कदम बताया।
- दूसरा ब्लैक बॉक्स: कुछ स्रोतों के अनुसार, दूसरा ब्लैक बॉक्स (CVR) अभी तक नहीं मिला है, क्योंकि यह विमान के अगले हिस्से में होता है, जो हादसे में बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया। हालांकि, कुछ रिपोर्ट्स में दावा किया गया है कि दोनों ब्लैक बॉक्स बरामद हो गए हैं, लेकिन एक क्षतिग्रस्त है।
- स्थिति: ब्लैक बॉक्स को टाइटेनियम या स्टेनलेस स्टील से बनाया जाता है, जो उच्च प्रभाव, आग, और गहरे समुद्र के दबाव को सहन कर सकता है। अहमदाबाद हादसे में विमान में 1,25,000 लीटर ईंधन होने के कारण तापमान 1000 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया, लेकिन FDR के बरामद होने से उम्मीद है कि डेटा सुरक्षित होगा।
भारत में ब्लैक बॉक्स की जांच कैसे होगी?
भारत में ब्लैक बॉक्स विश्लेषण की सुविधा हाल ही में विकसित हुई है:
- डिजिटल फ्लाइट डेटा रिकॉर्डर और कॉकपिट वॉइस रिकॉर्डर लैब (DFDR & CVR लैब): 2025 में दिल्ली में उद्घाटन के बाद, यह अत्याधुनिक सुविधा क्षतिग्रस्त ब्लैक बॉक्स से डेटा निकालने और विश्लेषण करने में सक्षम है। पहले, ब्लैक बॉक्स को विदेशी लैब (जैसे अमेरिका या यूके) में भेजा जाता था, जिससे जांच में देरी होती थी। अब भारत में ही डेटा निष्कर्षण संभव है।
- विश्लेषण प्रक्रिया:
- प्रारंभिक डेटा निष्कर्षण: अगर ब्लैक बॉक्स बरकरार है, तो डेटा निकालने में 2-4 सप्ताह लग सकते हैं। क्षतिग्रस्त डिवाइस के लिए समय अधिक लग सकता है।
- विश्लेषण: डेटा को रखरखाव रिकॉर्ड, मौसम की स्थिति, रडार लॉग, और गवाहों के बयानों के साथ क्रॉस-चेक किया जाएगा। यह प्रक्रिया 12-24 महीनों तक चल सकती है। अंतरराष्ट्रीय नागरिक उड्डयन संगठन (ICAO) के अनुसार, प्रारंभिक निष्कर्ष 30 दिनों में जारी किए जाते हैं।
- विशेषज्ञों की भूमिका: AAIB की अगुवाई में जांच चल रही है, जिसमें अमेरिका के नेशनल ट्रांसपोर्टेशन सेफ्टी बोर्ड (NTSB), यूके की एयर एक्सीडेंट्स इन्वेस्टिगेशन ब्रांच (AAIB), बोइंग, और GE एयरोस्पेस के विशेषज्ञ शामिल हैं। टाटा समूह, जो एयर इंडिया का मालिक है, ने पूर्ण पारदर्शिता का वादा किया है।
क्या ब्लैक बॉक्स से हादसे का कारण पता चलेगा?
ब्लैक बॉक्स से निम्नलिखित जानकारी मिलने की उम्मीद है:
- मेडे कॉल का कारण: पायलटों ने उड़ान भरने के 11 सेकंड बाद मेडे कॉल जारी किया, जिसके बाद विमान 625 फीट की ऊंचाई से दुर्घटनाग्रस्त हो गया। FDR इंजन के प्रदर्शन, फ्लैप की स्थिति, और सिस्टम की खराबी के बारे में डेटा देगा।
- संभावित कारण: जांच में इंजन की खराबी, फ्लैप की गलत स्थिति, और लैंडिंग गियर के ऊपर न उठने पर ध्यान दिया जा रहा है। बर्ड स्ट्राइक को प्राथमिक कारण नहीं माना जा रहा। कुछ विशेषज्ञों ने हवाई अड्डे के पास ऊंची इमारतों को सुरक्षा मानकों का उल्लंघन बताया।
- सीमाएं: ब्लैक बॉक्स हमेशा पूरी जानकारी नहीं देता। उदाहरण के लिए, हाल के जेजु एयर हादसे में ब्लैक बॉक्स का डेटा अंतिम मिनटों में खो गया था। अगर CVR नहीं मिला या क्षतिग्रस्त है, तो कॉकपिट की बातचीत का विश्लेषण मुश्किल हो सकता है।
वर्तमान जांच की स्थिति:
- मृत्यु और पहचान: 14 जून 2025 तक, 270 शव बरामद हो चुके हैं, जिनमें 241 यात्री और चालक दल के सदस्य शामिल हैं। बीजे मेडिकल कॉलेज के हॉस्टल में मौजूद 5 मेडिकल छात्रों और अन्य लोगों की भी मौत हुई। डीएनए मिलान के जरिए शवों की पहचान की जा रही है।
- एजेंसियों की भागीदारी: AAIB, NIA, NSG, NDRF, DGCA, CISF, और फोरेंसिक साइंस लेबोरेटरी (FSL) जांच में शामिल हैं।
- प्रधानमंत्री का दौरा: नरेंद्र मोदी ने 13 जून को घटनास्थल का दौरा किया और एकमात्र जीवित बचे विश्वासकुमार रमेश से मुलाकात की।
- सुरक्षा उपाय: DGCA ने एयर इंडिया के बोइंग 787-8/9 बेड़े पर अतिरिक्त सुरक्षा जांच के आदेश दिए हैं।
- सामाजिक प्रतिक्रिया: X पर लोग ब्लैक बॉक्स की बरामदगी को जांच में महत्वपूर्ण कदम मान रहे हैं, लेकिन कुछ यूजर्स ने सवाल उठाए कि विमान की अंतिम तकनीकी जांच कब हुई और क्या पायलट ने उड़ान से पहले खराबी की शिकायत की थी। (@Ashish78408458)
ब्लैक बॉक्स की बरामदगी अहमदाबाद विमान हादसे की जांच में एक महत्वपूर्ण कदम है। भारत की नई DFDR और CVR लैब इस डेटा को जल्दी और सटीक रूप से विश्लेषण करने में सक्षम है। हालांकि, अगर CVR नहीं मिला या डेटा क्षतिग्रस्त है, तो जांच में चुनौतियां आ सकती हैं। AAIB, अंतरराष्ट्रीय विशेषज्ञों, और टाटा समूह की पारदर्शिता के साथ, उम्मीद है कि हादसे के कारणों का जल्द खुलासा होगा, जिससे भविष्य में ऐसी त्रासदियों को रोका जा सके।