इस्राइल रक्षा बलों (IDF) ने भारत की अंतरराष्ट्रीय सीमाओं का गलत नक्शा सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘X’ पर पोस्ट करने के लिए माफी मांगी है। नक्शे में जम्मू-कश्मीर और लद्दाख को गलत तरीके से पाकिस्तान का हिस्सा दिखाया गया था, जिसके बाद भारतीय यूजर्स ने तीव्र नाराजगी जताई।

भारत ने हमेशा स्पष्ट किया है कि जम्मू-कश्मीर और लद्दाख देश के अभिन्न अंग हैं, जिनके कुछ हिस्सों पर पाकिस्तान और चीन ने अवैध कब्जा कर रखा है। हाल ही में पहलगाम आतंकी हमले और ऑपरेशन सिंदूर के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस रुख को दोहराया था।
13 जून 2025 को देर शाम, IDF ने ‘X’ पर एक पोस्ट साझा की, जिसमें पश्चिम एशिया, उत्तरी अफ्रीका, यूरोप और एशिया के कुछ हिस्सों का नक्शा दिखाया गया। इस नक्शे में ईरान को “वैश्विक खतरा” बताते हुए कहा गया, “इस्राइल अंतिम लक्ष्य नहीं है, यह तो शुरुआत है। हमारे पास कार्रवाई करने के अलावा कोई विकल्प नहीं था।” हालांकि, नक्शे में भारत की सीमाओं का गलत चित्रण किया गया, जिसमें जम्मू-कश्मीर और लद्दाख को पाकिस्तान का हिस्सा दिखाया गया।
भारतीय यूजर्स, खासकर ‘X’ हैंडल ‘Indian Right Wing Community’ और अन्य, ने इस पर कड़ा ऐतराज जताया। कई यूजर्स ने इस्राइली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू को टैग करते हुए IDF से पोस्ट हटाने और माफी मांगने की मांग की। एक यूजर ने लिखा, “अब आप समझ गए होंगे कि भारत तटस्थ क्यों रहता है। कूटनीति में कोई सच्चा दोस्त नहीं होता।”
IDF की माफी:
लगभग 90 मिनट बाद, IDF ने जवाब में माफी मांगते हुए कहा, “यह पोस्ट क्षेत्र का एक सामान्य चित्रण थी, लेकिन यह नक्शा भारत की सीमाओं को सटीक रूप से दर्शाने में विफल रहा। हम किसी भी गलती या अपराध के लिए क्षमा मांगते हैं।” इसके बाद पोस्ट को हटा लिया गया। IDF ने स्पष्ट किया कि उनका इरादा भारत की संप्रभुता का अनादर करना नहीं था।
भारत-इस्राइल संबंध:
पिछले कुछ वर्षों में भारत और इस्राइल के बीच रक्षा, व्यापार और कूटनीति में संबंध मजबूत हुए हैं। भारत इस्राइल से सैन्य उपकरणों का एक प्रमुख खरीदार है और इस्राइल का पांचवां सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार है, जो अमेरिका, ब्रिटेन, हांगकांग और चीन के बाद आता है। ऐसे में गलत नक्शे की घटना ने दोनों देशों के बीच संवेदनशीलता को उजागर किया।
यह घटना ऐसे समय में हुई जब इस्राइल ‘ऑपरेशन राइजिंग लायन’ के तहत ईरान पर हवाई हमले कर रहा है। भारत ने इस संघर्ष में तटस्थ रुख अपनाते हुए दोनों पक्षों से संयम बरतने की अपील की है। भारत ने हमेशा अपनी क्षेत्रीय अखंडता पर किसी भी तरह की गलत बयानी को गंभीरता से लिया है, और इस बार भी सोशल मीडिया के दबाव ने इस्राइल को तुरंत माफी मांगने के लिए मजबूर किया।